देश की खबरें | राघव, आतिशी डीडीएमए प्रतिबंधों के तहत शाह, उपराज्याल के आवास के बाहर प्रदर्शन नहीं कर सकते: पुलिस
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 14 जनवरी ‘आप’ सरकार और पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि आप विधायक राघव चड्ढा और आतिशी मार्लेना को गृह मंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवासों के बाहर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण डीडीएमए ने राजनीतिक सभाओं पर 31 जनवरी तक के लिए रोक लगा दी है।

दिल्ली पुलिस ने दोनों आप नेताओं को अनुमति देने से इनकार करने का एक और कारण मध्य दिल्ली के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत जारी निषेधाज्ञा बताया। मध्य दिल्ली में शाह और उपराज्यपाल के आवास हैं।

शाह और बैजल के आवासों के बाहर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दिये जाने को चुनौती देने वाली आप विधायकों चड्ढा तथा मार्लेना की याचिका के जवाब में दायर हलफनामे में पुलिस ने ये अभिवेदन पेश किए।

मामले को न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह के समक्ष बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। पुलिस के वकील ने इसे स्थगित करने की मांग की, क्योंकि सुनवाई डिजिटल माध्यम के बजाए अदालत में होनी थी।

दिल्ली पुलिस के वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि मामले को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।

पुलिस ने हलफनामे में यह भी लिखा है कि दिल्ली में केवल दो स्थानों जंतर-मंतर और रामलीला मैदान पर ही प्रदर्शन हो सकते हैं, जो कि प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थल हैं।

पुलिस ने कहा कि पिछले साल सितंबर में जारी डीडीएमए की अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक सभाओं की अनुमति नहीं है।

पुलिस ने पिछले साल 18 दिसंबर को अदालत से कहा था कि कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर शहर में बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने पर रोक के डीडीएमए के आदेशों के आधार पर दोनों आप विधायकों को प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था।

पुलिस ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के अनुरूप उसने राष्ट्रीय राजधानी में आवासीय क्षेत्रों में प्रदर्शन और धरना आयोजित करने पर रोक लगाने का स्थायी आदेश जारी किया है।

दोनों आप विधायकों ने उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) द्वारा कथित रूप से धन का दुरुपयोग किए जाने के खिलाफ 13 दिसंबर को गृह मंत्री और उप राज्यपाल के आवासों के बाहर धरना देने की अनुमति मांगी थी, जो उन्हें प्रदान नहीं की गयी।

दोनों नेताओं को अन्य कार्यकर्ताओं के साथ जरूरी अनुमति के बिना दोनों जगहों पर प्रदर्शन का प्रयास करने के मामले में 13 दिसंबर को हिरासत में लिया गया था।

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