देश की खबरें | न्यायमूर्ति गौरी की नियुक्ति मामले में उपयुक्तता के सवाल पर विचार नहीं हो सकता : न्यायालय

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने से लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी को रोकने संबंधी याचिकाओं पर सात फरवरी को विचार करने से इनकार की वजह शुक्रवार को बताई।

नयी दिल्ली, 10 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने से लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी को रोकने संबंधी याचिकाओं पर सात फरवरी को विचार करने से इनकार की वजह शुक्रवार को बताई।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश सुनाते हुए कहा, ‘‘हमने संविधान पीठ के फैसले का पालन किया है और हम उपयुक्तता के सवाल पर नहीं जा सकते।’’

हालांकि, विस्तृत आदेश अभी शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया जाना बाकी है।

उच्चतम न्यायालय में दो याचिकाएं दायर करके अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में गौरी की नियुक्ति का विरोध किया गया था। इनमें से एक याचिका मद्रास उच्च न्यायालय के तीन वकीलों की ओर से दायर की गयी थी।

शीर्ष अदालत ने सात फरवरी को गौरी की नियुक्ति के खिलाफ याचिकाएं खारिज कर दी थी, उसके चंद मिनट बाद ही उन्हें मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा द्वारा एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई गई थी।

शीर्ष अदालत ने कहा था कि गौरी को एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है और यदि वह शपथ के प्रति सच्ची नहीं हैं या शपथ के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करती हैं, तो कॉलेजियम को इस पर विचार करने का अधिकार है। न्यायालय ने कहा था कि ऐसे कई उदाहरण हैं, जिसमें लोगों को स्थायी न्यायाधीश नहीं बनाया गया है।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की एक विशेष पीठ ने बुधवार को कहा था, ''हम रिट याचिका पर विचार नहीं कर रहे हैं। इसका (विस्तृत) कारण बाद में दिया जाएगा।’’

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