ताजा खबरें | लोकसभा में विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के कारण प्रश्नकाल, शून्यकाल बाधित
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. लोकसभा में शुक्रवार को मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही बाधित रही, वहीं गैर-सरकारी कामकाज शांतिपूर्ण तरीके से हुआ।
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नयी दिल्ली, चार अगस्त लोकसभा में शुक्रवार को मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही बाधित रही, वहीं गैर-सरकारी कामकाज शांतिपूर्ण तरीके से हुआ।
हंगामे के बीच ही निचले सदन में दो विधेयक पारित हुए और एक विधेयक पेश किया गया।
सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य मणिपुर का मुद्दा उठाने लगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से शांत रहने की अपील की।
विपक्षी सदस्यों के शोर शराबे पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘ मैं इन लोगों (विपक्ष) से पूछना चाहता हूं कि कल जब आपके गठबंधन के सहयोगी दल (आम आदमी पार्टी) से जुड़ा (दिल्ली सेवा से संबंधित) विधेयक था तब तो आपने सदन चलने दिया। आज का विधेयक भी महत्वपूर्ण है। अगर आप चाहते हैं तो हम चर्चा करेंगे, गैर सरकारी विधेयक पर भी चर्चा करेंगे।’’
हंगामे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कराया। स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने कुछ सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिए। इस बीच विपक्षी दलों के सदस्यों का मणिपुर मुद्दे पर जल्द चर्चा कराने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब की मांग को लेकर हंगामा जारी रहा।
हाथों में तख्तियां लिए हुए कुछ विपक्षी सांसद आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। ये सदस्य ‘इंडिया-इंडिया’ और ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ के नारे लगा रहे थे।
बिरला ने विपक्षी दलों के सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप सदन नहीं चलाना चाहते? आप महत्वपूर्ण मुद्दे और विधेयक पर चर्चा करिए। सदन चलने दीजिए। आपको हर मुद्दे पर पर्याप्त समय दूंगा।’’
हंगामा नहीं थमने पर बिरला ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर करीब 20 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक पुन: शुरू होने पर पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने मणिपुर के मुद्दे पर शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कराए।
हंगामे के बीच ही लोकसभा ने ‘अंतर सेना संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023’ और ‘भारतीय प्रबंध संस्थान संशोधन विधेयक, 2023’ को मंजूरी दी।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस दौरान सदन में ‘अनुसंधान राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान विधेयक, 2023’ पेश किया।
पीठासीन सभापति अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘कल का दृश्य बेहतर था। आज का दृश्य अच्छा नहीं है।’’
विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ पर चर्चा में भाग लिया था। सदन ने विस्तृत चर्चा और गृह मंत्री अमित शाह के जवाब के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। यह विधेयक दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश का स्थान लेगा।
इससे पहले विपक्षी सदस्यों ने मानसून सत्र की शुरुआत से अब तक सदन में पारित हुए किसी विधेयक पर चर्चा में हिस्सा नहीं लिया था। बाकी सभी विधेयक शोर-शराबे के बीच संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित किये गये।
हंगामा नहीं थमने पर सदन की बैठक करीब 10 मिनट के लिए 12.50 बजे तक स्थगित कर दी गयी।
दो बार के स्थगन के बाद बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने गैर-सरकारी कामकाज शुरू कराया। सदन में शुक्रवार को प्राय: भोजनावकाश के बाद गैर-सरकारी कामकाज होता है।
इस दौरान विभिन्न दलों के अनेक सदस्यों ने अपने गैर सरकारी विधेयक पेश किये।
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