देश की खबरें | पुरी रत्न भंडार बृहस्पतिवार को फिर खोला जाएगा : न्यायमूर्ति रथ
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पुरी, 16 जुलाई श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने मंगलवार को कहा कि रत्न भंडार का आंतरिक कक्ष बृहस्पतिवार को फिर खोला जाएगा ताकि आभूषणों को मंदिर में स्थित अस्थायी कोषागार में स्थानांतरित किया जा सके।
यह निर्णय मंगलवार को यहां एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी, रत्न भंडार को खोलने के दौरान देखरेख के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ, पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हुई बैठक के दौरान लिया गया।
रत्न भंडार को 46 वर्षों के बाद रविवार को बहुमूल्य वस्तुओं की सूची बनाने और इसकी संरचना की मरम्मत के लिए पुनः खोला गया था।
बैठक के बाद न्यायमूर्ति रथ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम 18 जुलाई को सुबह नौ बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट के बीच फिर से ताले खोलेंगे और भीतरी रत्न भंडार में प्रवेश करेंगे। आंतरिक कक्ष में रखे मूल्यवान सामान को अस्थायी भंडार कक्ष में स्थानांतरित कर दिया जाएगा और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सदस्य इसकी संरचनात्मक मजबूती का भी आकलन करेंगे। पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी की जाएगी।’’
उन्होंने कहा, चूंकि सभी बक्सों को स्थानांतरित करना व्यावहारिक रूप से काफी चुनौतीपूर्ण है इसलिए इन बक्सों में रखे कीमती सामान और आभूषणों को मंदिर परिसर में स्थापित अस्थायी कोषागार में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
न्यायमूर्ति रथ ने कहा कि इस अस्थायी कोषागार में सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही आवश्यक सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
पाधी ने कहा कि एसजेटीए ने श्रद्धालुओं से रत्न भंडार फिर से खोले जाने के दौरान 18 जुलाई को मंदिर में प्रवेश पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों का पालन करने की अपील की है।
टीम ने आंतरिक कक्ष के अंदर संदूक और अलमारियां देखीं, लेकिन ‘बहुदा यात्रा’ (15 जुलाई) और ‘सुना बेशा’ (17 जुलाई) के आयोजनों के कारण आभूषणों को निर्दिष्ट कक्ष में स्थानांतरित करने का कार्य सर्वसम्मति से स्थगित करने का निर्णय लिया।
न्यायमूर्ति रथ ने बताया कि बाहरी कक्ष से कीमती सामान को पहले ही मंदिर स्थित अस्थायी भंडार कक्ष ले जाया जा चुका है।
पाधी ने कहा कि आभूषणों को बाहर ले जाने के बाद एएसआई आंतरिक कक्ष का निरीक्षण करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘एएसआई को आंतरिक कक्ष की चाबियां नहीं दी जाएंगी। इसे मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में उल्लिखित प्रक्रिया के अनुसार खोला जाएगा।’’
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