पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों से वार्ता के लिए समिति गठित करने के शिअद के फैसले का उपहास उड़ाया
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों के साथ बातचीत करने के लिए एक समिति गठित करने के शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के फैसले का शनिवार को उपहास उड़ाते हुए कहा कि कोई भी पहल बादल परिवार को कृषक समुदाय पर "कठोर कृषि कानूनों को थोपने" में उनकी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं कर सकती है.
चंडीगढ़, 5 सितंबर : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने किसानों के साथ बातचीत करने के लिए एक समिति गठित करने के शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के फैसले का शनिवार को उपहास उड़ाते हुए कहा कि कोई भी पहल बादल परिवार को कृषक समुदाय पर "कठोर कृषि कानूनों को थोपने" में उनकी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं कर सकती है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बादल परिवार समस्या की जड़ है और केंद्र के "किसान विरोधी एजेंडे" का सह-साजिशकर्ता है.
उन्होंने कहा कि शिअद नेता किसानों से किसी क्षमा के हकदार नहीं हैं. उल्लेखनीय है कि शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार को अपनी पार्टी के चुनाव संपर्क अभियान ‘गल पंजाब दी’ को छह दिन के लिए रोक दिया है और किसानों से बात करने के लिए एक समिति गठित की है ताकि वे किसानों को बता सकें कि उनकी पार्टी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में कृषकों के साथ है. यह भी पढ़ें : Rajasthan Zila Parishad Election Results 2021: राजस्थान जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस ने मारी बाजी, 99 सीटों पर मिली जीत
मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली दल कृषि कानून बनाने की प्रक्रिया के दौरान केंद्र में सत्तारूढ़ राजग का हिस्सा था और बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल केंद्र सरकार में मंत्री थीं.