ताजा खबरें | राज्यसभा में उठी सशस्त्र बलों को एके-203 रायफलों का नया संस्करण मुहैया कराने
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. राज्यसभा में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य ने देश के सशस्त्र बलों और अर्द्धसैनिक बलों को असॉल्ट रायफल (एके-203) का नया संस्करण मुहैया कराने की मांग की।
नयी दिल्ली, 29 मार्च राज्यसभा में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य ने देश के सशस्त्र बलों और अर्द्धसैनिक बलों को असॉल्ट रायफल (एके-203) का नया संस्करण मुहैया कराने की मांग की।
शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए भाजपा के बृजलाल ने कहा कि बदलती परिस्थितियों को देखते हुए सशस्त्रों बलों और अर्द्धसैनिक बलों को एके-203 (फिफ्थ जनरेशन) असॉल्ट रायफल मुहैया कराना जरूरी हो गया है।
उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में रक्षा बलों को इन्सॉस रायफलें मिलीं जिनका उपयोग करगिल युद्ध में हुआ। उन्होंने कहा कि आज भी रक्षा बल इन रायफलों का उपयोग कर रहे हैं।
बृजलाल ने कहा कि समय और परिस्थितियों में अब बदलाव हो चुका है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एके-203 रायफलों का कारखाना लगाया गया है और अब वहां उत्पादन भी हो रहा है।
उन्होंने मांग की कि समय को देखते हुए सशस्त्र बलों और अर्द्धसैनिक बलों को असॉल्ट रायफलें यथाशीघ्र मुहैया कराई जाएं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की डॉ फौजिया खान ने सड़कों पर बने गड्ढों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि ये गड्ढे कई लोगों की मौत का कारण बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अक्सर इन गड्ढों के आसपास दुर्घटना से बचाव के लिए संकेतक, अवरोधक या चिह्न नहीं बनाए जाने की वजह से, गड्ढों का पता नहीं चल पाता और हादसा हो जाता है।
खान ने मोटर वाहन कानून को और कड़ा बनाए जाने की मांग करते हुए कहा कि इसमें सड़क बनाने वाले ठेकेदार और इंजीनियर को गड्ढों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं के लिए जवाबदेह ठहराने के साथ ही उनके लिए आर्थिक दंड और सजा का प्रावधान होना चाहिए।
सड़क दुर्घटनाओं का मुद्दा तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक ने भी उठाया।
उन्होंने कहा कि वाहनों में लगी एलईडी लाइट की वजह से आंखें चौंधिया जाती हैं और दुर्घटनाएं होती है। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में से 11 प्रतिशत हादसे भारत में होते हैं।
समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह ने कहा कि झारखंड के ‘‘सम्मेद शिखर’’ की पहाड़ी पर जैन समाज के लोगों का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जिसे हाल ही में पर्यटन स्थल घोषित कर दिया गया है।
उन्होंने मांग की कि इसे तीर्थ स्थल ही रहने दिया जाए क्योंकि पर्यटन स्थल घोषित करने के बाद वहां मद्यपान और मांसाहार का सेवन होने से जैन समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत होंगी।
द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा ने बाल यौन उत्पीड़न का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस पर रोक के लिए बालकों का यौन उत्पीड़न से संरक्षण (पोक्सो) कानून है लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना है।
उन्होंने कहा कि घर के बाद बच्चों का ज्यादातर समय स्कूलों में गुजरता है लेकिन एक सर्वेक्षण के अनुसार, करीब 36 फीसदी स्कूलों में ही बाल यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं।
शिवा ने कहा कि बच्चों का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी अक्सर उनके जानकार ही होते हैं। उन्होंने इस पर रोक के लिए स्कूलों में नियमित कार्यशालाओं के आयोजन तथा इस बारे में जागरुकता फैलाने की जरूरत रेखांकित की।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के विजयसाई रेड्डी ने उर्वरक की कीमतों में वृद्धि का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसके कारण किसानों को, खास तौर पर छोटे और सीमांत किसानों को बहुत परेशानी हो रही है।
भारतीय जनता पार्टी के रामचंद्र जांगड़ा ने जनजातियों के कथित धर्मांतरण का मुद्दा उठाया और इस पर रोक की मांग की।
माकपा सदस्य जॉन ब्रिटास, बीजद के सुजीत कुमार, कांग्रेस के जी सी चंद्रशेखर और एमएनएफ सदस्य के वेलेल्वना ने भी लोक महत्व से जुड़े अपने-अपने मुद्दे शून्यकाल के दौरान उठाए।
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