देश की खबरें | भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देना, सत्ता के लिए उनसे हाथ मिलाना टीम मोदी का एजेंडा: शरद पवार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को सरंक्षण देना और सत्ता के लिए उनसे हाथ मिलाना नरेन्द्र मोदी सरकार का एकमात्र एजेंडा है।

छत्रपति संभाजीनगर/लातूर, आठ नवंबर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को सरंक्षण देना और सत्ता के लिए उनसे हाथ मिलाना नरेन्द्र मोदी सरकार का एकमात्र एजेंडा है।

छत्रपति संभाजीनगर से करीब 200 किलोमीटर दूर परभणी के जिंतूर में एक रैली को संबोधित करते हुए पवार ने अपने दावे को लेकर राज्य के मंत्री छगन भुजबल के कथित बयान का हवाला दिया, जो अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा का हिस्सा हैं।

उन्होंने दावा किया, ‘‘भुजबल से जब पूछा गया कि वह सत्तारूढ़ गठबंधन में क्यों शामिल हुए, तो उन्होंने दावा किया कि वे जेल नहीं जाना चाहते थे। (उन्होंने कहा) अगर हमें जेल नहीं जाना है, तो हमें मोदी से जुड़ना होगा। अगर कोई वरिष्ठ मंत्री ऐसा कह रहा है, तो यह साफ है कि सत्ता का दुरुपयोग विपक्ष के खिलाफ किया जा रहा है। विपक्षी दलों को काम न करने देने के लिए फर्जी अपराधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं।’’

पवार ने आरोप लगाया, ‘‘भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों को संरक्षण देना और सत्ता के लिए उनसे हाथ मिलाना मोदी और उनकी टीम का एकमात्र एजेंडा है।’’

भुजबल ने शुक्रवार को इस बात से इनकार किया कि वह प्रवर्तन निदेशालय की जांच से बचने के लिए राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हुए थे और उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कभी ऐसा कुछ स्वीकार नहीं किया है।

भुजबल अजीत पवार के नेतृत्व वाले समूह का हिस्सा हैं। यह समूह पिछले साल जुलाई में एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल हो हुआ गया था जिसके कारण शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी विभाजित हो गई।

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा सरकार ने किसानों के 70,000 करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए थे, लेकिन अब स्थिति यह है कि सोयाबीन और कपास की फसलों के उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं और किसान संकट में हैं।

उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अब मोदी सरकार ने चीनी निर्यात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है, जो उसकी किसान विरोधी नीति का हिस्सा है। अगर हमें इस फैसले का विरोध करना है, तो हमें सत्ता में बैठे लोगों (महायुति) को हराना होगा। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं बढ़ गई हैं। बदलापुर (दो स्कूली बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न) का उदाहरण भी है।’’

पवार ने कहा कि जब महिलाओं का सम्मान नहीं किया जाता और न ही वे सुरक्षित हैं, तो मौजूदा सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

इस बीच, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार को कहा कि महायुति सरकार की नीतियों के कारण आम जनता परेशान है और इस सरकार को उखाड़ फेंकने तथा राज्य में महा विकास आघाडी (एमवीए) को सत्ता में लाने की जरूरत है।

वह कांग्रेस उम्मीदवार अभय सालुंके के समर्थन में लातूर जिले के निलंगा में एक रैली को संबोधित कर रहे थे।

पटोले ने कहा, ‘‘किसान को उनकी फसलों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है ऐसे में उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। कानून-व्यवस्था खराब है और राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई लोगों के सामने प्रमुख मुद्दे हैं। इसलिए, महायुति गठबंधन की जगह एमवीए को लाना है।’’

एमवीए की गारंटी की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि हर महिला को तीन हजार रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता मिलेगी और तीन लाख रुपये तक का कृषि ऋण माफ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं को भत्ते के रूप में हर माह चार हजार रुपये दिए जाएंगे और महिलाएं राज्य की बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगी।

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