ताजा खबरें | विपक्ष के हंगामे के कारण बार बार बाधित हुई राज्यसभा की कार्यवाही

नयी दिल्ली, 19 जुलाई राज्यसभा में सोमवार को मानसून सत्र की हंगामेदार शुरूआत हुई तथा विपक्ष ने महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर जबर्दस्त हंगामा किया। हंगामे के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय भी नहीं करवा पाए। हंगामे के चलते उच्च सदन की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न करीब सवा तीन बजे बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

राष्ट्रगान के साथ शुरू हुई बैठक में सभापति एम वैंकया नायडू ने सबसे पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को सदन का नेता बनाए जाने की घोषणा की। इसके बाद उन्होंने दिवंगत वर्तमान सदस्य रघुनाथ महापात्र एवं राजीव सातव तथा वरिष्ठ अभिनेता दिलीप कुमार और महान धावक मिल्खा सिंह सहित 13 लोगों को पूरे सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी। इनमें सदन के 10 पूर्व सदस्य शामिल हैं। वर्तमान सदस्य महापात्र एवं सातव के सम्मान में बैठक को एक घंटे के लिए स्थगित किया गया।

नायडू ने कोविड-19 के कारण बनी अनिश्चितता की स्थिति की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि संसद को देश की जनता को आश्वस्त करने की जरूरत है कि वह उसके साथ खड़ी हुई है। उन्होंने मानसून सत्र प्रारंभ होने के अवसर पर उच्च सदन में अपने संबोधन में कहा कि कोरोना को लेकर देश की वर्तमान स्थिति और लोगों को हुई परेशानियों के मद्देनजर इस सत्र का महत्व बढ़ गया है कि क्योंकि अब तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि आपदा और संकट की इस घड़ी में संसद देश की जनता को उसके हाल पर नहीं छोड़ सकती।

इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में प्रवेश किया। सत्ताधारी दल के सदस्यों ने मेज थपथपाकर उनका स्वागत किया। हंगामे के बीच ही सभापति ने प्रधानमंत्री को अपनी मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय कराने को कहा।

इसी बीच विपक्षी दलों के सदस्य आसन के निकट पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्यों को तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी करते सुना गया।

हंगामे के कारण प्रधानमंत्री अपनी मंत्रिपरिषद के सदस्यों का परिचय नहीं करा सके और उन्होंने नये मंत्रियों की सूची को सदन के पटल पर रखा। प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में महिलाएं, ओबीसी, आदिवासी और दलित सांसद नये मंत्री बने हैं। उन्होंने विपक्षी सदस्यों के उस समय किए जा रहे हंगामे की ओर संकेत करते हुए सवाल किया कि यह कौन सी मानसिकता है जिसमें महिलाओं, दलितों, आदिवासियों, किसानों के बेटों के गौरव का सम्मान नहीं होने दिया जा रहा है। उन्होंने इसे ‘‘दलित-आदिवासी और महिला विरोधी मानसिकता’’ करार दिया।

सदन के नेता पीयूष गोयल ने विपक्ष के इस आचरण की निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने सदन में पहले कभी ऐसा दृश्य नहीं देखा कि नये मंत्रियों का परिचय सदन से नहीं करवाया जा सका। उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री के समय से चल रही इस परंपरा में बाधा पहुंचाना बहुत दुखद है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का यह व्यवहार देश के लोकतंत्र को ‘‘हानि’’ पहुंचायेगा।

इसके बाद नायडू ने सदस्यों से अपनी सीट पर वापस लौटने का आग्रह किया लेकिन विपक्षी सदस्यों ने हंगामा जारी रखा। हंगामा जारी देख सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।

दो बार के स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के जिन सहयोगियों की सूची आज सदन के पटल पर रखी है ‘‘उनमें एक राज्यमंत्री कथित तौर पर बांग्लादेशी’’ हैं।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक नोटिस दिया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध किया। सदन के नेता गोयल ने विपक्षी सदस्यों के आरोपों को ‘‘बेबुनियाद’’ करार दिया और इसमें सच्चाई नहीं होने का दावा करते हुए उपसभापति हरिवंश से इसे सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘जिस प्रकार की बेबुनियाद बातें सदन में रखने की कोशिश की जा रही है, उसकी हम घोर निंदा करते हैं। इसमें सत्यता नहीं है।’’

उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर समाज के एक वर्ग विशेष को अपमानित करने का आरोप लगाया और उपसभापति से विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए विषय को कार्यवाही में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया।

इसके जवाब में हरिवंश ने कहा, ‘‘इसका परीक्षण किया जाएगा।’’?

इस मु्द्दे पर तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के चलते सदन की बैठक को अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

तीन बजे बैठक शुरू होने पर सदन में वही नजारा देखने को मिला। तृणमूल सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समक्ष आकर हंगामा कर रहे थे। हंगामे के बीच ही उपसभापति ने नौचालन में सामुद्रिक सहायता विधेयक पर चर्चा शुरू करायी। किंतु विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण विधेयक पर चर्चा पूरी नहीं हो सकी तथा उपसभापति ने कुछ समय बाद बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

माधव ब्रजेंद्र अविनाश

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