देश के माहौल को ठीक करने के लिए कदम उठाएं प्रधानमंत्री: कमाल फारूकी

पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित तौर पर की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. भाजपा ने अपने दो नेताओं नुपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के खिलाफ कार्रवाई की है. पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया.

नयी दिल्ली, 12 जून : पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित तौर पर की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. भाजपा ने अपने दो नेताओं नुपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के खिलाफ कार्रवाई की है. पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. गत शुक्रवार को इस विवाद को लेकर हुए प्रदर्शनों के दौरान कई स्थानों पर हिंसा हुई. इस पूरे विषय पर ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ के वरिष्ठ सदस्य कमाल फारूकी से ‘’ के पांच सवाल और उनके जवाब प्रस्तुत हैं:

सवाल: बीते शुक्रवार को विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा पर आप क्या कहेंगे?

जवाब: लोकतांत्रिक ढंग से प्रदर्शन करना उचित है, लेकिन कानून को हाथ में लेना गलत है. इन प्रदर्शनों से पहले हमें यह देखना होगा कि पिछले कुछ महीनों से क्या हो रहा है. ‘धर्म संसद’ के नाम पर कैसी-कैसी बातें की जा रही हैं. अब पैगंबर के बारे में बोला गया. लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. हमारे देश का कानून तो इसकी इजाजत नहीं देता कि आप दूसरे के धर्म के बारे में अपमानजनक बातें करें.

सवाल: भाजपा ने अपने नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की, स्पष्टीकरण दिया, पुलिस ने मामला दर्ज किया, फिर इस तरह के प्रदर्शन का क्या औचित्य है?

जवाब: यह कोई पहला मामला नहीं है. पिछले कुछ महीनों से लगातार ऐसी बातें हो रही है, लेकिन सरकारों के स्तर पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया. इस मामले में भाजपा की महिला नेता (नुपुर) को निलंबित कर दिया गया, लेकिन उचित कानूनी प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे मामलों में सरकारों की तरफ से ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए जिसमें इंसाफ होता दिखे. प्रदर्शन करना संवैधानिक अधिकार है, लेकिन किसी को कानून अपने हाथ में लेने और हिंसा करने का अधिकार बिल्कुल नहीं है. यह भी पढ़ें : भोपाल में महिला के चेहरे पर ब्लेड मारने से 118 टांके लगे, शिवराज ने अफसरों केा तलब किया

सवाल: पूरे विवाद में कई मुस्लिम देशों की प्रतिक्रिया को आप किस तरह से देखते हैं?

जवाब: अगर सरकार समय रहते कार्रवाई करती तो ये हालात पैदा नहीं होते. छोटे-छोटे देशों ने हमारे राजदूतों को तलब किया. यह पूरे देश के लिए शर्मिंदगी की बात है. क्या दुनिया हमें बताएगी कि हमारा देश कैसे चलेगा? अगर नफरत फैलाने वालों के खिलाफ समय रहते उचित कदम उठाया जाता तो किसी देश की हिम्मत नहीं होती कि हमारे राजदूतों को तलब करता.

सवाल: अब आप सरकार से क्या उम्मीद कर रहे हैं?

जवाब: अभी पानी सिर से ऊपर नहीं गुजरा है. प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को बोलना चाहिए. वह हमारे और सभी के प्रधानमंत्री हैं. वह सामने आकर बोलें. माहौल ठीक करने के लिए वह कदम उठाएं. अगर प्रधानमंत्री कदम उठाएंगे तो चीजें ठीक हो सकती हैं. बतौर भारतीय नागरिक उनसे हम उचित कार्रवाई करने की उम्मीद करते हैं.

सवाल: पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से टेलीविजन कार्यक्रमों में शामिल नहीं होने की अपील क्यों जारी की है?

जवाब: यह इसलिए किया गया है क्योंकि इस तरह की बहसों में सिर्फ नफरत परोसी जा रही है, झूठ बोला जा रहा है, लोगों के बीच दीवार खड़ी की जा रही है. हमारा मानना है कि मुस्लिम समाज और सही सोच रखने वाले सभी लोगों को ऐसी बहस एवं चर्चा से दूर रहना चाहिए. इस तरह की बहसों से सिर्फ देश का नुकसान होता है.

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