नयी दिल्ली, आठ सितंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी बृहस्पतिवार को ‘‘कर्तव्य पथ’’ का उद्घाटन और इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
‘कर्तव्य पथ’ राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का मार्ग है। इस सड़क के दोनों तरफ लॉन और हरियाली के साथ ही पैदल चलने वालों के लिये लाल ग्रेनाइट पत्थरों से बना पैदल पथ इसकी भव्यता को और बढ़ा देता है। इस मार्ग पर नवीकृत नहरें, राज्यों की खाद्य वस्तुओं के स्टॉल, नयी सुविधाओं वाले ब्लॉक और बिक्री स्टॉल होंगे।
ज्ञात हो कि नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से मिले एक प्रस्ताव को पारित कर ‘‘राजपथ’’ का नाम बदलकर ‘‘कर्तव्य पथ’’ कर दिया। अब इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरे इलाके को ‘‘कर्तव्य पथ’’ कहा जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को एक बयान में कहा कि पूर्ववर्ती ‘‘राजपथ’’ सत्ता का प्रतीक था और उसे ‘‘कर्तव्य पथ’’ का नाम दिया जाना बदलाव का परिचायक है और यह सार्वजनिक स्वामित्व तथा सशक्तीकरण का एक उदाहरण भी है।
पीएमओ ने कहा कि ‘‘कर्तव्य पथ’’ का उद्घाटन और सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण ‘अमृत काल’ में प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत के लिए ‘‘पंच प्रण’’ के आह्वान के दूसरे प्रण के अनुकूल है, जिसमें उन्होंने औपनिवेशिक मानसिकता की हर निशानी को समाप्त करने की बात कही थी।
राजपथ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के आसपास के इलाकों में भीड़ के कारण बुनियादी ढांचे पर पड़ते दबाव और सार्वजनिक शौचालय, पीने के पानी, स्ट्रीट फर्नीचर और पार्किंग स्थल की पर्याप्त व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण राजपथ का पुनर्विकास किया गया है।
पीएमओ ने कहा कि इसमें वास्तु शिल्प का चरित्र बनाये रखने के साथ ही और अखंडता भी सुनिश्चित की गयी है।
कर्तव्य पथ बेहतर सार्वजनिक स्थानों और सुविधाओं को प्रदर्शित करेगा, जिसमें पैदल रास्ते के साथ लॉन, हरे-भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, मार्गों के पास लगे बेहतर बोर्ड, नयी सुविधाओं वाले ब्लॉक और बिक्री स्टॉल होंगे।
इसके अलावा इसमें पैदल यात्रियों के लिए नए भूमिगत पार पथ, बेहतर पार्किंग स्थल, नए प्रदर्शनी पैनल और आधुनिक लाइट से लोगों को बेहतर अनुभव होगा।
पीएमओ ने कहा कि इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, भारी वर्षा के कारण एकत्र जल का प्रबंधन, उपयोग किए गए पानी का पुनर्चक्रण, वर्षा जल संचयन और ‘ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था’ जैसी अनेक दीर्घकालिक सुविधाएं शामिल हैं।
इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की जा रही है, जहां इस साल की शुरुआत में पराक्रम दिवस (23 जनवरी) के अवसर पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था।
पीएमओ ने कहा कि ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा हमारे स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के योगदान के लिए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी, और देश के उनके प्रति ऋणी होने का प्रतीक होगी।
मुख्य मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार की गई 28 फुट ऊंची प्रतिमा को एक ग्रेनाइट पत्थर पर उकेरा गया है और इसका वजन 65 मीट्रिक टन है।
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