नयी दिल्ली, दो जनवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में झुग्गी झोपड़ी (जेजे क्लस्टर्स) के निवासियों के लिए 1,675 फ्लैटों और दो शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं समेत कई विकास योजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री दिल्ली विश्वविद्यालय में 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली तीन नई परियोजनाओं की भी आधारशिला रखेंगे।
इनमें पूर्वी दिल्ली के सूरजमल विहार के पूर्वी परिसर में एक अकादमिक ब्लॉक, द्वारका के पश्चिमी परिसर में एक अकादमिक ब्लॉक और नजफगढ़ के रोशनपुरा में वीर सावरकर कॉलेज का भवन भी शामिल है। इस कॉलेज में शिक्षा के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।
पीएमओ ने कहा कि मोदी दिल्ली के अशोक विहार में स्वाभिमान अपार्टमेंट में झुग्गी झोपड़ी पुनर्वास परियोजना के तहत झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों के लिए नवनिर्मित फ्लैटों का दौरा करेंगे और पात्र लाभार्थियों को चाबियां सौंपेंगे तथा 1,675 नवनिर्मित फ्लैटों का उद्घाटन करेंगे।
पीएमओ ने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री की 'सभी के लिए आवास' पहल के अनुरूप है।
परियोजना का उद्देश्य दिल्ली में जेजे क्लस्टरों के निवासियों को पर्याप्त सुविधाओं से सुसज्जित बेहतर और स्वस्थ रिहायशी वातावरण प्रदान करना है।
केंद्र सरकार द्वारा एक फ्लैट के निर्माण पर 25 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। पात्र लाभार्थी कुल राशि का सात प्रतिशत से कम भुगतान करते हैं, जिसमें मामूली योगदान के रूप में 1.42 लाख रुपये और रखरखाव के पांच साल के लिए 30,000 रुपये शामिल हैं।
केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से विकास की इन योजनाओं को ऐसे समय में मूर्त रूप दिया जा रहा है जब राष्ट्रीय राजधानी में इसी साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं।
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुख्य मुकाबला 2013 से सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी (आप) से है। आप अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
मोदी शुक्रवार को दो शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं- नौरोजी नगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (डब्ल्यूटीसी) और सरोजिनी नगर में जनरल पूल आवासीय आवास (जीपीआरए) टाइप-2 क्वार्टर का भी उद्घाटन करेंगे।
बयान में कहा गया है कि नौरोजी नगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ने 600 से ज़्यादा जीर्ण-शीर्ण क्वार्टरों को अत्याधुनिक वाणिज्यिक टावरों से बदलकर इस क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया है तथा इससे उन्नत सुविधाओं के साथ लगभग 34 लाख वर्ग फ़ीट प्रीमियम वाणिज्यिक स्थल उपलब्ध हुआ है।
इस परियोजना में हरित भवन कार्यप्रणालियों को शामिल किया गया है, जिसमें शून्य-निर्वहन अवधारणा, सौर ऊर्जा उत्पादन और वर्षा जल संचयन प्रणाली जैसे प्रावधान शामिल हैं।
सरोजिनी नगर में जीपीआरए टाइप-II क्वार्टर में 28 टावर शामिल हैं, जिनमें 2,500 से अधिक आवासीय इकाइयां हैं और इनमें आधुनिक सुविधाओं और स्थल का कुशल उपयोग किया गया हैं।
बयान में कहा गया कि परियोजना के डिजाइन में वर्षा जल संचयन प्रणाली, सीवेज और जल उपचार संयंत्र तथा सौर ऊर्जा से चलने वाले अपशिष्ट कॉम्पैक्टर शामिल हैं जो पर्यावरण के प्रति जागरूक जनजीवन को प्रोत्साहित करते हैं।
प्रधानमंत्री दिल्ली के द्वारका में सीबीएसई के एकीकृत कार्यालय परिसर का भी उद्घाटन करेंगे, जिस पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें कार्यालय, ऑडिटोरियम, उन्नत डेटा सेंटर, व्यापक जल प्रबंधन प्रणाली आदि शामिल हैं।
पीएमओ ने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल इस इमारत का निर्माण उच्च पर्यावरणीय मानकों के अनुसार किया गया है और इसे भारतीय हरित भवन परिषद (आईजीबीसी) के प्लेटिनम रेटिंग मानकों के अनुसार निर्मित किया गया है।
ब्रजेन्द्र
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