बारी, 14 जून : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को इटली के दक्षिणी शहर में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापानी प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सहित कई विश्व नेताओं से मुलाकात की. मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपनी बातचीत की कुछ तस्वीरों के साथ एक पोस्ट में कहा, “राष्ट्रपति जो बाइडन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है. भारत और अमेरिका वैश्विक कल्याण के लिए मिलकर काम करते रहेंगे.” मोदी ने शिखर सम्मेलन के इतर जापानी प्रधानमंत्री किशिदा के साथ बातचीत की और माना जाता है कि उन्होंने आपसी और क्षेत्रीय हितों के मुद्दों पर चर्चा की. मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो से भी मुलाकात की. ट्रूडो द्वारा पिछले साल कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों के शामिल होने का दावा किए जाने के बाद यह दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने की मुलाकात थी. कनाडा ने इस मामले के सिलसिले में चार भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है.
मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘जी7 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की.’’ ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव आ गया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को "बेतुका" और "प्रेरित" बताते हुए खारिज कर दिया था. मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, "इटली में संयुक्त राष्ट्र महासचिव श्री एंतोनियो गुतारेस से मिलकर प्रसन्नता हुई." प्रधानमंत्री के कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुतारेस के साथ उनकी "सार्थक बैठक" हुई. मोदी ने तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से भी मुलाकात की. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि मोदी की तीनों नेताओं के साथ "शानदार बातचीत" हुई. उन्होंने जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय से भी मुलाकात की. उन्होंने कहा, "भारत जॉर्डन के साथ मजबूत संबंधों को महत्व देता है." यह भी पढ़ें : मंगलुरु पुलिस निर्धारित सीमा से अधिक गति पर अंकुश के लिए मोबाइल स्पीड रडार गन का उपयोग करेगी
शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन के अंत में जारी बयान में सात औद्योगिक देशों के समूह ने शुक्रवार को भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) जैसे ठोस बुनियादी ढांचे की पहल को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई. जी7 ने कानून के शासन के आधार पर “स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत” के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई. बयान में कहा गया है, “साझा जिम्मेदारी की भावना से, हम अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, भारत, जॉर्डन, केन्या, मॉरिटानिया, ट्यूनीशिया, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं की भागीदारी का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं.” इसमें कृत्रिम मेधा, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर विषय पर संवाद सत्र का संदर्भ भी था जिसे मोदी ने संबोधित किया. शिखर सम्मेलन के एजेंडे की अन्य प्राथमिकताओं के अलावा, बयान में रूस के साथ चल रहे संघर्ष में यूक्रेन को "मजबूत समर्थन" दिया गया है.