President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बढ़ी सरगर्मी, शरद पवार ने विपक्षी दल के नेताओं से की मुलाकात, 18 जुलाई को है मतदान

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के चुनाव अभियान को मजबूत करने के लिहाज से बुधवार को विपक्षी नेताओं से मुलाकात की

राष्ट्रपति भवन (Photo Credits: Wikimedia Commons)

 President Election 2022: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के चुनाव अभियान को मजबूत करने के लिहाज से बुधवार को विपक्षी नेताओं से मुलाकात की. सिन्हा को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के खिलाफ खड़ा किया गया है. पवार ने कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के भालचंद्र कांगो और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के ए. डी. सिंह के अलावा सिन्हा के चुनाव अभियान प्रबंधक सुधींद्र कुलकर्णी और अभियान दल के अन्य सदस्यों से मुलाकात की.

पवार ने ट्विटर पर विपक्षी नेताओं के साथ बैठक की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, ‘‘हम सभी अपने देश के सामने आने वाले मुद्दों के लिए लड़ने के वास्ते अपने उम्मीदवार श्री यशवंत सिन्हा के साथ मजबूती से खड़े हैं. सूत्रों ने कहा कि पवार ने सिन्हा की प्रचार रणनीति की जिम्मेदारी संभाल ली है और सिन्हा को समर्थन देने के लिए विपक्षी नेताओं से संपर्क किया है. एक विपक्षी नेता ने स्वीकार किया कि राजग द्वारा मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सिन्हा के अभियान को अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिल रही थी. यह भी पढ़े: Presidential Elections 2022: TRS का फैसला, विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को करेगा समर्थन

बुधवार को पवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि सिन्हा बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश, शुक्रवार को गुजरात और नौ जुलाई को जम्मू-कश्मीर जाएंगे. कुलकर्णी ने बताया कि सिन्हा नौ जुलाई को जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे. उन्होंने ‘पीटीआई-’ को बताया, ‘‘जम्मू-कश्मीर में विधानसभा नहीं है और वहां के लोग राष्ट्रपति चुनाव में भागीदारी नहीं कर रहे हैं, इसीलिए इसके जरिये राजनीतिक संदेश दिया जाएगा। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस गणराज्य का सबसे महत्वपूर्ण भाग जम्मू-कश्मीर, विधानसभा से वंचित है.’’

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