कोलकाता, 18 जुलाई पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान सोमवार शाम पांच बजे समाप्त हुआ। 291 विधायकों बौर 33 सांसदों ने यहां मतदान किया। हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा क्रॉस वोटिंग को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं।
भारत के 15वें राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए सोमवार को देशभर के सांसदों/विधायकों ने मतदान किया। चुनाव में मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में 294 सीटें हैं।
तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक निर्मल घोष के अनुसार, पार्टी के 216 विधायकों में से 215 ने वोट डाला। पार्टी के पास कालिम्पोंग से निर्देलीय विधायक रूदेन सादा लेप्चा का भी समर्थन है।
राज्य से लोकसभा के 23 सदस्यों में से 19 और राज्यसभा के 13 सदस्योंं ने यहां अपना वोट डाला।
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से ही पार्टी नेतृत्व से दूरी बनाए हुए दोनों सांसदों शिशिर अधिकारी और उनके पुत्र दिब्येन्दू अधिकारी ने दिल्ली में वोट डाला।
शिशिर ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हुआ हूं, लेकिन द्रौपदी मुर्मू इस पद के लिए अच्छी उम्मीदवार हैं।’’
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को राज्य में पर्याप्त बढ़त मिले।
पिछले साल तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए भाजपा विधायक मुकुल रॉय ने विश्वास जताया कि सिन्हा को चुनाव में जीत मिलेगी।
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