देश की खबरें | युवा वर्ग को कृषि क्षेत्र की वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार करें: मिश्र

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जयपुर, 20 दिसंबर राजस्थान के राज्यपाल व कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि कृषि-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में ऐसे विशेषज्ञ पाठ्यक्रम शुरू किए जाएं, जिनसे युवा वर्ग रोजगार प्राप्त कर कृषि क्षेत्र की वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हो सकें।

उन्होंने कहा कि कृषि एवं प्रौद्योगिकी के जरिए समाज में बहुत बड़े स्तर पर परिवर्तन किया जा सकता है।

मिश्र सोमवार को उदयपुर में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय के दौरान कृषि शिक्षा मे युवाओं की रुचि तेजी से बढ़ रही है, जो अच्छा संकेत है। उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि प्रबंधन, सहकारिता, कृषि विपणन, कृषि पर्यावरण आदि क्षेत्रों से जुड़े पाठ्यक्रम विश्वविद्यालयों में तैयार किए जाएं।

राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सा, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में होने वाले शोध को कृषि की आवश्यकताओं से जोड़ कर अंतर-संकाय शोध को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि शोध की ऐसी समन्वित पद्धति पर बल दिया जाए जिससे खेती से मनुष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी संभव हो सके।

मिश्र ने कहा कि कई देशों ने कृषि में क्रांति लाने के लिए डिजिटल तकनीक को सफलतापूर्वक अपनाया है। लेकिन भारत में कृषि में डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों से इस दिशा में शोध एवं विकास के लिए आगे आने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि किसानों को ई-विपणन मंच पर पंजीकृत करवाने के लिए भी प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इससे पहले, कुलाधिपति ने छात्र-छात्राओं को उपाधियां एवं स्वर्ण पदक प्रदान किये।

मेघा मिश्र को एम टेक में सर्वोच्च अंकों से उपाधि प्राप्त करने पर कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, लखनऊ के पूर्व कुलपति प्रो. दुर्ग सिंह चौहान ने इस अवसर पर कृषि शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों एवं चुनौतियों के बारे में चर्चा की।

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