देश की खबरें | उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के लिये राजनीतिक दलों ने चलाया घर-घर जनसम्पर्क अभियान

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लखनऊ, 19 नवंबर उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीट के लिए बुधवार को होने वाले उपचुनाव से कुछ घंटे पहले राजनीतिक दलों खासकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ने बड़े पैमाने पर घर-घर जाकर संपर्क अभियान शुरू किया।

राज्य के नौ विधानसभा सीट के उपचुनाव में कुल 90 उम्मीदवार मैदान में हैं। गाजियाबाद में सबसे ज्यादा (14) उम्मीदवार तथा खैर (सुरक्षित) और सीसामऊ (कानपुर) में सबसे कम (पांच-पांच) प्रत्याशी मैदान में हैं।

रैलियों के जरिए विभिन्न पार्टियों का सार्वजनिक प्रचार सोमवार को आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया, लेकिन उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने इसके बाद से घर-घर जाकर प्रचार अभियान शुरू किया है।

कानपुर के सीसामऊ से सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी ने कहा, ‘‘घर-घर जाकर प्रचार करने के अलावा हमने मुस्लिम महिलाओं को चुनाव से पहले अपनी इबादत में खुदा का आशीर्वाद पाने के लिए पवित्र कुरान पढ़ने के लिए आमंत्रित किया।’’

नसीम त्रिकोणीय मुकाबले में हैं। यहां उनका मुकाबला भाजपा के सुरेश अवस्थी और बसपा के वीरेंद्र कुमार से है। इन दोनों उम्मीदवारों ने भी घर-घर जाकर प्रचार किया।

अवस्थी के एक समर्थक ने कहा, ''हम मतदाताओं से अपनी सरकार के सुशासन के आधार पर भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं।

अलीगढ़-खैर मार्ग पर दवा की दुकान चलाने वाले भाजपा समर्थक सतेंद्र पाल सिंह ने कहा,‘‘महंगाई हमें परेशान नहीं करती। मोदी-योगी सरकारों के तहत अच्छी कानून व्यवस्था, नियमित बिजली आपूर्ति और नए राजमार्गों की व्यवस्था हुई है। हमें और क्या चाहिए?’’

स्थानीय पत्रकार आलोक कुमार सिंह ने कहा, ‘‘जाट-ब्राह्मण बहुल खैर विधानसभा क्षेत्र 1980 के दशक के आखिर तक लोकदल का गढ़ था। उसके बाद भाजपा ने इस क्षेत्र में पैठ बनाई।’’

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खैर में दो बार उपचुनाव के सिलसिले में प्रचार किया।

पिछले एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश के कई मंत्रियों ने भी चुनावी रैलियों को संबोधित किया। इसके विपरीत सपा का प्रचार पूरी तरह पार्टी मुखिया पर निर्भर था। खैर में सपा और कांग्रेस के बीच समन्वय की कमी भी साफ दिखी।

कांग्रेस की जिला इकाई के अध्यक्ष सोमवीर सिंह ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा था,‘‘चुनावी सभाओं के बारे में हमें जानकारी नहीं दी गई। यहां तक कि अखिलेश यादव जी के दौरे के दौरान भी मंच पर हमारे झंडे नहीं लगाए गए। फिर भी हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।’’

मंगलवार को जिला प्रशासन ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह को बुलंदशहर जिला जेल से नैनी केन्द्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया।तेजवीर सिंह पूर्व विधायक चौधरी मलखान सिंह की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

तेजवीर सिंह की पुत्रवधू चारू कैन खैर से सपा की उम्मीदवार हैं।

मैनपुरी में सात उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के अनुजेश प्रताप सिंह और सपा के तेज प्रताप सिंह के बीच है।

गाजियाबाद में भी उम्मीदवारों ने घर-घर जाकर जनसंपर्क किया। मतदान केंद्र स्तर के अधिकारी पात्र मतदाताओं को मतदाता पर्ची बांटते देखे गए।

राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी घर-घर जाकर यह जांच करते नजर आये कि उनके पार्टी समर्थकों को मतदाता पर्ची मिली है या नहीं।

गाजियाबाद पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए होटलों और लॉज की तलाशी भी शुरू कर दी है कि मतदान से पहले विधानसभा क्षेत्र में कोई 'बाहरी व्यक्ति' की मौजूद नहीं हो।

पुलिस उपायुक्त (नगर) राजेश कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-’ से कहा,‘‘मतदाताओं को किसी भी तरह से धन या अन्य प्रलोभन देना चुनाव आचार संहिता के खिलाफ है और ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’

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