जरुरी जानकारी | नीतिगत दर में कटौती महंगाई की दीर्घकालीन दर पर निर्भर: आरबीआई गवर्नर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती महंगाई की दीर्घकालीन दर पर निर्भर करेगी न कि मासिक आंकड़ों पर।
नयी दिल्ली, 16 सितंबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती महंगाई की दीर्घकालीन दर पर निर्भर करेगी न कि मासिक आंकड़ों पर।
दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक सात से नौ अक्टूबर के बीच होनी है। बैठक में नीतिगत दर में कटौती पर निर्णय किया जाएगा।
आरबीआई ने अगस्त मे मौद्रिक नीति समीक्षा में ऊंची खाद्य महंगाई को देखते हुए रेपो दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था। अगस्त की बैठक में एमपीसी के छह सदस्यों में से चार ने यथास्थिति बनाये रखने के पक्ष में मत दिया था।
आरबीआई गवर्नर ने सीएनबीसी इंटरनेशनल से विशेष बातचीत में कहा कि महंगाई दर बढ़ रही है या घट रही है, इसके लिए ध्यान मुद्रास्फीति की मासिक गति पर होगा। आगामी मुद्रास्फीति वृद्धि दर को सकारात्मक रुख के साथ देखा जाएगा और निर्णय आकलन के आधार पर किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘सवाल यह नहीं है कि वर्तमान संदर्भ में, जुलाई की तरह, मुद्रास्फीति लगभग 3.6 प्रतिशत पर आ गई। यह संशोधित आंकड़ा है। अगस्त में यह 3.7 प्रतिशत पर आ गई है। इससे यह पता चलता है कि अभी मुद्रास्फीति की क्या स्थिति है। अब हमें अगले छह महीने, अगले एक साल के लिए, मुद्रास्फीति पर क्या दृष्टिकोण है, यह देखना होगा।’’
दास ने कहा, ‘‘इसीलिए, मैं यह ध्यान से देखना चाहूंगा कि आने वाले समय में मुद्रास्फीति और वृद्धि की गति क्या है और उसके आधार पर हम निर्णय करेंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति अक्टूबर में होने वाली बैठक में नीतिगत दर में कटौती पर सक्रियता से विचार करेगी, दास ने कहा, ‘‘नहीं, मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम एमपीसी में चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे, लेकिन जहां तक वृद्धि और मुद्रास्फीति की गतिशीलता का सवाल है, मैं दो बातें कहना चाहूंगा। एक, वृद्धि की गति अच्छी बनी हुई है, भारत की वृद्धि की गाथा बरकरार है। जहां तक मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण की बात है, हमें मासिक गति को देखना होगा और इसके आधार पर निर्णय किया जाएगा।’’
दास ने कहा कि रुपया खासकर 2023 की शुरुआत से, वैश्विक स्तर पर सबसे कम अस्थिर मुद्राओं में से एक रहा है। ‘‘अमेरिकी डॉलर और अस्थिरता सूचकांक की तुलना में रुपया बहुत स्थिर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी घोषित नीति रुपये की अत्यधिक अस्थिरता को रोकना है। उन्होंने कहा कि रुपये को स्थिर बनाए रखने से बाजार, निवेशकों और अर्थव्यवस्था में भरोसा पैदा होता है।’’
दास ने कहा कि आरबीआई वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इसे सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाते रहेंगे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)