भोपाल, 10 नवंबर भोपाल में रविवार को पुलिस ने एक व्यवसायी को साइबर अपराधियों की ठगी का शिकार होने से बचाया जिन्होंने उसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया था। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मध्यप्रदेश पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने एक विज्ञप्ति में बताया कि शहर के अरेरा कॉलोनी निवासी विवेक ओबेरॉय को शनिवार को अपराह्न करीब एक बजे एक व्यक्ति ने फोन करके खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी बताया।
इसमें कहा गया कि जालसाजों ने ओबेरॉय की ऐसे लोगों से बात कराई जिन्होंने खुद को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और मुंबई अपराध शाखा का अधिकारी बताया।
विज्ञप्ति में कहा गया कि उन्होंने ओबेरॉय को यह दावा करके फंसाया कि उनके आधार कार्ड का उपयोग करके कई फर्जी बैंक खाते खोले गए हैं और आधार कार्ड का उपयोग संदिग्ध गतिविधियों के लिए सिम कार्ड खरीदने के वास्ते भी किया गया है।
‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का नया तरीका है। ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें उनके घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं।
साइबर जालसाजों ने ओबेरॉय को ‘स्काइप’ वीडियो कॉलिंग ऐप डाउनलोड कर उन्हें एक कमरे में रहने को कहा। इस दौरान, व्यवसायी ने मध्यप्रदेश साइबर पुलिस को सूचित किया और पुलिस उनके ‘डिजिटल अरेस्ट’ के दौरान वहां पहुंच गई।
विज्ञप्ति में बताया गया कि जब पुलिस ने फर्जी कानून प्रवर्तन अधिकारियों से अपनी पहचान सत्यापित करने को कहा तो जालसाजों ने वीडियो कॉल काट दी।
इसमें कहा गया कि ठगों को व्यवसायी के ‘डिजिटल अरेस्ट’ के दौरान उनके बैंक खातों की जानकारी मिल गई थी, लेकिन उन्होंने कोई धनराशि अंतरित नहीं की।
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