देश की खबरें | सिरसा में प्रदर्शनकारी किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें छोड़ी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. हरियाणा के सिरसा जिले में बुधवार को पुलिस ने किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। किसानों का यह समूह जिले में नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए वोट डालने के लिए स्थानीय विधायक गोपाल कांडा के पहुंचने पर बैरिकेड को कथित तौर पर लांघने की कोशिश कर रहा था

सिरसा, सात अप्रैल हरियाणा के सिरसा जिले में बुधवार को पुलिस ने किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। किसानों का यह समूह जिले में नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए वोट डालने के लिए स्थानीय विधायक गोपाल कांडा के पहुंचने पर बैरिकेड को कथित तौर पर लांघने की कोशिश कर रहा था

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान उस जगह के पास इकट्ठा हो गए, जहां पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए थे। किसानों ने हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष कांडा के खिलाफ नारेबाजी की।

कांडा ने पिछले महीने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा राज्य विधानसभा में मनोहर लाल खट्टर सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया था।

किसान नेताओं ने पहले कहा था कि वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दलों के नेताओं का "शांतिपूर्ण सामाजिक बहिष्कार" जारी रखेंगे।

सिरसा के पुलिस उपाधीक्षक आर्यन चौधरी ने कहा कि जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो उन्होंने बैरिकेड पर चढ़ने का प्रयास किया।

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारी किसानों ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद में भाजपा सांसद नायब सिंह सैनी की कार को रोक दिया और इसकी विंडस्क्रीन को तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार सैनी तब पार्टी कार्यकर्ता के घर से निकलने वाले थे।

किसानों ने शनिवार को रोहतक में मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया था और अधिकारियों को खट्टर के हेलीकॉप्टर को कहीं और उतारने के लिए मजबूर होना पड़ा।

किसानों ने पिछले सप्ताह हिसार हवाई अड्डे के बाहर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के खिलाफ भी प्रदर्शन किया था।

इस बीच, हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं का सामाजिक बहिष्कार जारी रखेंगे।

हालांकि, उन्होंने किसानों से अपील की कि वे यह सुनिश्चित करें कि विरोध शांतिपूर्ण हो।

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