उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में पुलिस ने अदालत में पहला आरोपपत्र दाखिल किया

साढ़े तीन सौ पृष्ठों की इस अंतिम रिपोर्ट में आरोपी पर हत्या का प्रयास, दंगा करना और जनसेवक के कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालने समेत अन्य आरोप लगाए गए हैं।

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नयी दिल्ली, एक मई दिल्ली पुलिस ने हाल ही में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के संबंध में यहां की एक अदालत में शुक्रवार को पहला आरोपपत्र दाखिल किया। इसमें जाफराबाद इलाके से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार शाहरुख पठान पर 24 फरवरी को हेड कांस्टेबल दीपक दहिया और अन्य की हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया है।

साढ़े तीन सौ पृष्ठों की इस अंतिम रिपोर्ट में आरोपी पर हत्या का प्रयास, दंगा करना और जनसेवक के कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालने समेत अन्य आरोप लगाए गए हैं।

आरोपपत्र में भारतीय दंड सहिंता की धाराओं के अलावा दिल्ली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए हैं।

दोषी पाए जाने पर शाहरुख को दस साल कारावास की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

इस मामले में 26 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शाहरुख को अपराध शाखा की टीम ने तीन मार्च को गिरफ्तार किया था और वह जेल में है। यह पहला व्यक्ति है, जिसे दंगों के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

जांच के दौरान शाहरुख को पनाह देने को लेकर उत्तर प्रदेश के कैराना निवासी कलीम अहमद को भी गिरफ्तार किया गया था।

शाहरुख और कलीम के अलावा दिल्ली के घोंडा स्थित अरविंद नगर निवासी इश्तियाक मलिक भी बतौर आरोपी पेश हुआ।

पुलिस के मुताबिक, अपराध में इस्तेमाल की गई 7.65 एमएम पिस्तौल और दो कारतूस भी शाहरुख से बरामद किए गए।

दंगों के दौरान पुलिस हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर शाहरुख के पिस्तौल तानने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। शाहरुख को बाद में उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार किया गया था।

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