देश की खबरें | पुतिन,जेलेंस्की के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बैठक ‘संवाद प्रक्रिया की शुरूआत’ : जयशंकर

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस और यूक्रेन के शीर्ष नेताओं के साथ बैठकें संघर्ष में शामिल दोनों देशों के बीच ‘‘संवाद प्रक्रिया की शुरूआत’’ है।

असमिया समाचार चैनल ‘प्रतिदिन टाइम’ द्वारा आयोजित ‘‘कॉन्क्लेव 2024’’ के एक परिचर्चा सत्र में, जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विश्व के उन गिने-चुने नेताओं में से एक हैं, जिनमें उन दोनों नेताओं (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के वोलोदिमीर जेलेंस्की) से बात करने की ‘‘क्षमता’’ है, जो उन पर ‘‘विश्वास’’ करते हैं।

रूस-यूक्रेन संघर्ष में, मध्यस्थता में भारत की भूमिका के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम क्या करने का प्रयास कर रहे हैं? आपको अनिवार्य रूप से मध्यस्थता करने की आवश्यकता नहीं है... कभी-कभी आपको संवाद करना होता है। हम असल में, एक साथ दो देशों से बात कर रहे हैं, जिनके बीच संघर्ष जारी है।’’

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ कम से कम तीन बैठकें की हैं और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक बैठक की है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने भी सितंबर में पुतिन से मुलाकात की थी और उन्हें जेलेंस्की के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बातचीत के बारे में जानकारी दी थी।

जयशंकर ने कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से वह बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि संघर्ष क्यों हो रहा है। एनएसए डोभाल का रूस जाना जरूरी था, ताकि रूसियों को पता चले कि प्रधानमंत्री (मोदी) ने जेलेंस्की से क्या बात की।’’

उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है और दुनिया भर में इससे काफी जनहानि और गंभीर आर्थिक परिणाम हुए हैं।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘आप इस संघर्ष को देख सकते हैं और कह सकते हैं कि हममें से कोई भी इसके बारे में कुछ नहीं कर सकता है, और कह सकते हैं कि यह जब समाप्त होगा तब समाप्त हो जाएगा। या आप कह सकते हैं कि मैं उन कुछ देशों में से एक हूं, जैसा कि हमारे मामले में है, उन कुछ प्रधानमंत्रियों में से एक हूं जो वहां बोलने की क्षमता रखता है तथा दोनों पक्ष उन पर भरोसा करते हैं...।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह एक संवाद प्रक्रिया की शुरुआत है। यह कहां तक ​​पहुंचेगी, मैं अभी उस बिंदु पर नहीं पहुंचा हूं।’’

जयशंकर ने कहा कि विश्व के नेता भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों का समर्थन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लोग आज बहुत खुश हैं। वे कहते हैं कि आपके (भारत के) पास प्रधानमंत्री मोदी जैसा व्यक्ति है जो दोनों देशों (रूस और यूक्रेन) की राजधानियों में जाने और उस तरह का संवाद करने की क्षमता रखते हैं।’’

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