काहिरा, 25 जून प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मिस्र की अपनी पहली यात्रा समाप्त करने के बाद रविवार को भारत के लिए रवाना हो गए, जहां उन्हें अरब देश के सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' से सम्मानित किया गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन के निमंत्रण पर अमेरिका की राजकीय यात्रा के समापन के बाद शनिवार को यहां पहुंचे मोदी का हवाई अड्डे पर मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली ने स्वागत किया।
मोदी ने ट्वीट किया, "मिस्र की मेरी यात्रा ऐतिहासिक रही। इससे भारत-मिस्र संबंधों में नयी ऊर्जा आएगी और हमारे देशों के लोगों को फायदा होगा। मैं राष्ट्रपति अल-सीसी, सरकार और मिस्र के लोगों को उनके स्नेह के लिए धन्यवाद देता हूं।"
राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर मिस्र की उनकी दो दिवसीय राजकीय यात्रा 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है।
मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति अल-सीसी के साथ बातचीत की और व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा संबंधों और लोगों से लोगों के बीच संबंधों में सुधार पर ध्यान देने के साथ दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों देशों ने अपने रिश्ते को 'रणनीतिक साझेदारी' तक बढ़ाया।
राष्ट्रपति अल-सीसी ने मोदी को मिस्र के सर्वोच्च राजकीय सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' पुरस्कार से सम्मानित किया। यह प्रधानमंत्री मोदी को मिला 13वां सर्वोच्च राजकीय सम्मान है।
इससे पहले दिन में, मोदी ने मिस्र की 11वीं सदी की ऐतिहासिक अल-हाकिम मस्जिद का दौरा किया, जिसका दाऊदी बोहरा समुदाय की मदद से जीर्णोद्धार किया गया था। उन्होंने काहिरा में हेलियोपोलिस राष्ट्रमंडल युद्ध कब्रिस्तान का भी दौरा किया और प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान मिस्र तथा अदन में बलिदान देने वाले 4,300 से अधिक वीर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। वह गीज़ा के पिरामिड को भी देखने गए।
शनिवार को, प्रधानमंत्री मोदी ने मिस्र के मुफ्ती-ए-आजम शॉकी इब्राहिम अब्देल-करीम अल्लम से मुलाकात की और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने तथा चरमपंथ एवं कट्टरपंथ का मुकाबला करने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
बाद में शाम को, मोदी ने मिस्र में भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्होंने उनकी प्रशंसा की और उन्हें 'भारत का नायक' करार दिया।
उन्होंने मिस्र में प्रमुख हस्तियों से भी मुलाकात की, जिनमें पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीकी क्षेत्र में काम करने वाली मिस्र की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हसन अल्लम तथा प्रसिद्ध लेखक और पेट्रोलियम रणनीतिकार तारेक हेग्गी शामिल थे।
मोदी ने 20 जून को अपनी पांच दिवसीय यात्रा शुरू की थी। उन्होंने 21-24 जून तक अमेरिका का दौरा किया। उनकी अमेरिका यात्रा न्यूयॉर्क से शुरू हुई, जहां उन्होंने 21 जून को नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का नेतृत्व किया।
बाद में, वाशिंगटन डीसी में राष्ट्रपति बाइडन द्वारा व्हाइट हाउस में उनका भव्य स्वागत किया गया।
दोनों नेताओं ने एक ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन आयोजित किया, जिसके बाद मोदी ने कांग्रेस को संबोधित किया और उनके सम्मान में व्हाइट हाउस में बाइडन द्वारा एक राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया गया।
इस यात्रा के दौरान रक्षा, अंतरिक्ष और व्यापार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रमुख सौदे हुए।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने सैन्य विमानों और अमेरिकी ड्रोन सौदे को शक्ति देने के लिए भारत में संयुक्त रूप से जेट इंजन का उत्पादन करने के लिए "ऐतिहासिक" समझौते की सराहना की।
मोदी बृहस्पतिवार को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को दो बार संबोधित करने वाले पहले भारतीय नेता बन गए। अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक में उनका पहला संबोधन 2016 में हुआ था।
उन्होंने अपने संबोधन के दौरान आतंकवाद के प्रायोजक देशों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार पर भी ज़ोर दिया और अमेरिका के साथ भारत के संबंधों के बारे में खुलकर बात की।
शुक्रवार को अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ विदेश मंत्रालय में भारतीय नेता के लिए दोपहर भोज की मेजबानी की। मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिका और भारत के कई शीर्ष सीईओ से भी मुलाकात की।
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