नयी दिल्ली, 18 जून उच्चतम न्यायालय ने गैंगस्टर जयपाल सिंह भुल्लर के शव का दूसरी बार परीक्षण करने के लिए पंजाब सरकार को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज करने का पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का आदेश शुक्रवार को निरस्त कर दिया।
पश्चिम बंगाल में नौ जून को कोलकाता पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में मारे गये गैंगस्टर भुल्लर के पिता ने उच्च न्यायालय में यह अपील दायर की थी। शीर्ष न्यायालय ने उच्च न्यायालय को 21 जून को याचिका पर फिर से विचार करने को कहा है। गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को क्षेत्राधिकार के आधार पर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की अवकाश पीठ ने पंजाब सरकार को भी निर्देश दिया कि वह शव को सुरक्षित रखने के लिए उपयुक्त इंतजाम करे, जिसे कोलकाता से पंजाब के फिरोजपुर ले जाया गया था। पीठ ने कहा, ‘‘उक्त आदेश को रद्द किया जाता है। उच्च न्यायालय से इस विषय पर सोमवार (21 जून) को सुनवाई करने का आग्रह किया जाता है। पंजाब सरकार शव को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी इंतजाम करे। ’’
भुल्लर और एक अन्य गैंगस्टर जसप्रीत सिंह लुधियाना में हाल ही में दो पुलिसकर्मियों की हत्या करने में कथित तौर पर संलिप्त थे। पंजाब पुलिस से मिली खुफिया सूचना के आधार पर कोलकाता पुलिस की एक टीम ने दोनों को नौ जून को शहर में एक मुठभेड़ में मार गिराया था।
उच्च न्यायालय ने भुल्लर के पिता की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि यह विषय उसके क्षेत्राधिकार में नहीं है क्योंकि मुठभेड़ कोलकाता में हुई है।
शीर्ष न्यायालय में सुनवाई के दौरान भुल्लर के पिता भूपिन्दर सिंह की ओर से पेश हुई अधिवक्ता इशमा रंधावा ने आरोप लगाया कि यह एक फर्जी मुठभेड़ थी और भुल्लर को हिरासत में प्रताड़ित कर मारा गया। उन्होंने दलील दी कि सिंह ने भुल्लर का शव देखा था जो नीला पड़ गया था और हड्डियां भी टूटी हुई थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सीबीआई जांच की मांग नहीं कर रही हूं बल्कि बस यह चाहती हूं कि दूसरी बार शव परीक्षण किया जाए ताकि यह पता चल सके कि क्या हिरासत में प्रताड़ना से उसकी मौत हुई थी। ’’
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