फार्मा उद्योग में 2030 तक 200 अरब डॉलर पर पहुंचने की क्षमता : सचिव अरुणीश चावला

घरेलू दवा उद्योग में विनिर्माण तथा निर्यात बढ़ाकर मूल्य के हिसाब से चार से पांच गुना होकर करीब 200 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह बात कही।

नयी दिल्ली, 17 नवंबर: घरेलू दवा उद्योग में विनिर्माण तथा निर्यात बढ़ाकर मूल्य के हिसाब से चार से पांच गुना होकर करीब 200 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह बात कही. फार्मा सचिव अरुणीश चावला ने यहां भारतीय उद्योग परिसंध (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में कहा कि वर्तमान में करीब 50 अरब डॉलर से 2030 तक 200 अरब डॉलर तक पहुंचने के लिए उद्योग को आयात पर निर्भरता कम करनी होगी.

निर्यात के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करते हुए सालाना आधार पर दोहरे अंक में बढ़ने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘ ‘स्मार्ट’ चिकित्सा का युग हमारे सामने आ रहा है. अगले 20 से 30 साल में जो नई थेरेपी सामने आएंगी, वे वस्तुतः वर्तमान में मौजूद हर कठिन बीमारी के लिए ‘स्मार्ट थेरेपी’ प्रदान करेंगी. हमें उस दौर के लिए तैयार रहना चाहिए. हमें उस दौर की तैयारी करनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि सरकार उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों सहित विभिन्न नीतिगत पहल के साथ उद्योग की मदद कर रही है.

चावला ने कहा, ‘‘ 2020 में 50 अरब डॉलर पर हम अपने विनिर्माण क्षेत्र का 10 प्रतिशत से थोड़ा अधिक थे. 2030 तक हमें भारत में विनिर्माण क्षेत्र का 20 प्रतिशत होना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उद्योग को सालाना आधार पर दोहरे अंक में वृद्धि करने की जरूरत है. सचिव ने कहा कि सरकार उद्योग व शिक्षा जगत के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि 2030 तक उद्योग को 200 अरब डॉलर तक पहुंचने में मदद मिल सके.

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