नयी दिल्ली, आठ अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया जिसमें आप सरकार को कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर को नियंत्रित करने और उसके असर को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि सरकार इस महामारी के असर को नियंत्रित करने के लिए सबकुछ कर रही है और वह इस याचिका पर सुनवाई करना नहीं चाहती।
पीठ ने कहा, ‘‘सरकार सबकुछ कर रही है, मास्क लगाने के दिशा निर्देश, सामाजिक दूरी का पालन किया जा रहा है, लोगों को टीके लग रहे हैं...यहां जो अनुरोध किए गए वे सभी सामान्य अनुरोध हैं, आप सरकार से और क्या चाहते हैं?’’
बहरहाल पीठ ने याचिकाकर्ता वकील राकेश मल्होत्रा को विशिष्ट सुझावों और उचित अनुरोध के साथ एक अन्य अर्जी दाखिल करने की अनुमति दी।
शहर के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के 5,506 नए मामले आए जो इस साल एक दिन में आए सर्वाधिक मामले हैं। इस बीमारी से 20 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 11,133 हो गई है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि अदालतों में 15 मार्च से लोगों की आवाजाही शुरू हो गई और अदालतों में मुकदमों की सुनवाई के लिए लाए जाने वाले कैदी अदालत परिसरों में अपने रिश्तेदारों से मिलते हैं जिससे जेल में या उसके बाहर कोविड-19 फैलने का खतरा बढ़ गया है इसलिए उन्हें वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अदालत में पेश होने को कहा जाए।
उसने कहा कि स्थानीय बाजारों और मॉल, रेस्त्रां तथा कैफे में भारी संख्या में लोग आ रहे हैं तथा कई लोग सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं कर रहे और मास्क नहीं पहन रहे। याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया कि इस संबंध में उचित निर्देश दिए जाए ताकि लापरवाही से बचा जा सकें।
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