उद्धव के मनोनयन के लिये राज्यपाल को निर्देश देने को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर

अधिवक्ता एस बी तालेकर के जरिये सुरिंदर अरोड़ा द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में हर सरकार का प्रशासन थम गया है।

जमात

मुंबई, 30 अप्रैल बंबई उच्च न्यायालय में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बृहस्पतिवार को एक याचिका दायर कर प्रदेश के राज्यपाल को यह निर्देश देने की मांग की है कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपने कोटे से विधान परिषद का सदस्य नामित करने के लिये प्रदेश मंत्रिमंडल की सिफारिश पर फैसला लें।

अधिवक्ता एस बी तालेकर के जरिये सुरिंदर अरोड़ा द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में हर सरकार का प्रशासन थम गया है।

याचिका में दावा किया गया, “भाजपा अपने राजनीतिक फायदे के लिये महाराष्ट्र के राज्यपाल (भगत सिंह कोश्यारी) की मदद से उद्धव ठाकरे को पद से हटाना चाहती है। हालांकि, अभी राजनीति का समय नहीं है जब राज्य को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़नी है।”

याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया कि वह राज्यपाल को निर्देश दे कि वह प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा सौंपे गए प्रस्ताव पर शीघ्रता से या तीन दिनों के अंदर फैसला लें।

अरोड़ा की याचिका पर पांच मई को सुनवाई होने की उम्मीद है।

याचिका में कहा गया, “निर्वाचन आयोग ने भारत में सभी राज्यों में चुनाव टाल दिये हैं। इसकी वजह से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जो विधायक नहीं है, अपने पद पर नियुक्ति के छह महीने के अंदर विधायक बनने की स्थिति में नहीं होंगे।”

इसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री न होने की वजह से महाराष्ट्र सरकार अस्थिर हो जाएगी जो ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में मुसीबत साबित होगी।

याचिका में कहा गया कि मंत्रिपरिषद द्वारा की गई सिफारिश के 20 दिन बाद भी राज्यपाल ने इस पर कोई फैसला नहीं किया है।

याचिका में कहा गया, “भारत का नागरिक और वैध मतदाता होने के नाते याचिकाकर्ता यह निर्देश दिये जाने की मांग करता है कि ऐसे मुश्किल वक्त में सरकार को अस्थिर करने वाली स्थितियों से बचाने के लिये राज्यपाल सिफारिश पर यथाशीघ्र फैसला लें।”

ठाकरे अभी राज्य में विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं हैं और उन्होंने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्हें 28 मई को छह महीने पूरे होने से पहले किसी सदन की सदस्यता लेनी होगी अन्यथा मुख्यमंत्री पद पर नहीं रह पाएंगे।

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने नौ अप्रैल को ठाकरे को विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा नामित सदस्य के तौर पर भेजे जाने की सिफारिश की थी।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व में महाराष्ट्र विकास आघाडी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राज्यपाल से मिला था और उन्हें राज्य मंत्रिमंडल के फैसले की प्रति सौंपी थी।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

Share Now

\