नयी दिल्ली, चार जुलाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘रीजऩल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (आरआरटीएस) परियोजना के निर्माण के लिए धन देने में असमर्थता जताने को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाए जाने और आबाकरी नीति घोटाला मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इंकार के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल को गैरीकानूनी कार्यों का पर्याय करार दिया और दावा किया कि जनता का हित उनकी प्राथमिकता नहीं है।
उन्होंने यह दावा भी किया कि जैसे-जैसे आबकारी नीति घोटाला मामले के तार जुड़ रहे हैं, वैसे-वैसे केजरीवाल को जेल जाने की चिंता सताने लगी है।
उच्चतम न्यायालय ने आरआरटीएस परियोजना के निर्माण के लिए धन देने में असमर्थता जताने को लेकर दिल्ली सरकार को सोमवार को फटकार लगाते हुए उसे पिछले तीन वित्तीय वर्षों में विज्ञापनों पर खर्च किए गए धन का ब्योरा देने का निर्देश दिया था।
सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा और 82.15 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग के निर्माण की अनुमानित लागत 31,632 करोड़ रुपये है। चौबीस स्टेशन वाले इस कॉरिडोर के जरिये दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ के मोदीपुरम तक की दूरी 60 मिनट में तय की जा सकेगी।
शीर्ष अदालत ने मार्च 2019 के अपने आदेश में कहा था कि दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर परियोजना के लिए भारत सरकार का योगदान 5,687 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश का 5,828 करोड़ रुपये और दिल्ली का 1,138 करोड़ रुपये है।
भाटिया ने कहा, ‘‘जनता को सहूलियत हो, यह केजरीवाल को मंजूर नहीं है। जनता की सुध लेने के लिए उनके पास समय नहीं है। तीन सालों में अपने महिमामंडन के लिए उन्होंने विज्ञापनों पर 1106 करोड़ रुपये खर्च कर दिए लेकिन आरआरटीएस के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं।’’
आबकारी नीति घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को जमानत देने से दिल्ली उच्च न्यायालय के इनकार को भाजपा प्रवक्ता ने दिल्ली सरकार के मुंह पर ‘करारा तमाचा’ बताया और कहा कि क्यों न यह माना जाए कि इस मामले में भ्रष्टाचार केजरीवाल ने ही कराया है।
सिसोदिया को ताजा झटका देते हुए अदालत ने सोमवार को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के एक मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ आरोप ‘बहुत गंभीर प्रकृति’ के हैं।
भाटिया ने कहा, ‘‘केजरीवाल ही शराब घोटाले के किंगपिन हैं। वह चिंतित हैं कहीं मैं भी अंदर न चला जाऊं। जैसे-जैसे तार जुड़ रहे हैं, वैसे-वैसे हथकड़ी केजरीवाल के पास आ रही है ।’’
भाजपा प्रवक्ता ने चुनौती देते हुए कहा कि केजरीवाल को उनके द्वारा उठाए गए प्रश्नों का जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘आज केजरीवाल गैरकानूनी कार्यों के पर्याय बन गए हैं। संविधान और कानून पढ़ने के लिए उनके पास समय नहीं है। उन्हें शराब ठेकेदारों, आंतरिक साज-सज्जा करने वालों, और महंगी गाड़ियों के डीलरों के साथ बैठना अच्छा लगता है। जनता का हित देखना केजरीवाल की प्राथमिकता नहीं है।’’
ब्रजेन्द्र
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)