देश की खबरें | सत्ता को एक या दो व्यक्तियों के हाथों में जाने से रोकने के लिए लोगों ने किया मतदान : शरद पवार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में लोगों ने एक या दो व्यक्तियों के हाथों में सत्ता केंद्रित होने से रोकने के लिए मतदान किया।
पुणे, 10 जून राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में लोगों ने एक या दो व्यक्तियों के हाथों में सत्ता केंद्रित होने से रोकने के लिए मतदान किया।
उन्होंने कहा कि कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को यदि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड), एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी और अन्य सहयोगी दलों का समर्थन नहीं मिलता तो उसके लिए 543 सदस्यीय लोकसभा में 272 का बहुमत आंकड़ा हासिल करना कठिन होता।
पवार ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस वर्ष के अंत में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया और इस बार राज्य की सत्ता पार्टी के हाथों में आने का दावा किया।
उन्होंने पार्टी कार्यालय में आयोजित राकांपा (एसपी) के 25वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
उनकी पार्टी ने 2024 के आम चुनावों में विपक्षी गठबंधन के रूप में महाराष्ट्र से लोकसभा की 10 सीट पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से आठ पर उनकी जीत हुई थी।
हालांकि भाजपा लोकसभा चुनावों में अपने दम पर बहुमत प्राप्त नहीं कर सकी, लेकिन पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 543 में से 293 सीटें हासिल कीं।
पवार ने कहा कि आज देश एक अलग स्थिति से गुजर रहा है।
उन्होंने कहा कि, ‘‘ सरकार की बागडोर (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी के हाथों में है, लेकिन चुनाव परिणामों को देखें तो जनादेश उनकी सुविधा के अनुरूप नहीं है। पांच वर्ष पहले उन्होंने जो सीटें जीती थीं, उसकी तुलना में इस बार उनकी संख्या कम हो गई है। संसद में उनकी ताकत और बहुमत कम हो गया है।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ अगर उन्हें जनता दल(यू), तेलुगु देशम पार्टी और आंध्र प्रदेश के अन्य सहयोगियों का समर्थन नहीं मिलता तो उनके लिए बहुमत का आंकड़ा हासिल करना मुश्किल होता।’’
उन्होंने दावा किया कि पिछले पांच वर्ष में मात्र एक-दो लोगों ने अपनी इच्छानुसार सरकार चलाई तथा उन्होंने देश के बारे में व्यापक परिप्रेक्ष्य में नहीं सोचा तथा सत्ता के केंद्रीकरण पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन सौभाग्य से देश की जनता ने भविष्य की स्थिति भांपते हुए इस तरह से मतदान किया कि सत्ता एक या दो व्यक्तियों के हाथों में जाने से रोक लग सके।’’
पवार ने अपनी बेटी और बारामती से राकांपा(एसपी) सांसद सुप्रिया सुले समेत अन्य नेताओं की मौजूदगी में अपनी पार्टी का झंडा फहराया।
राकांपा संस्थापक ने कहा, ‘‘ पिछले 25 वर्ष में हमने पार्टी की विचारधारा को फैलाने की दिशा में काम किया है और हम पूरी ताकत से पार्टी को आगे ले जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अब मेरी और आपकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम राज्य विधानसभा चुनावों के लिए काम करें और लक्ष्य निर्धारित करें जिससे चुनाव परिणामों के बाद सत्ता पार्टी के हाथों में हो और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सत्ता का उपयोग आम और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए हो।’’
पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का गठन किया था। पिछले साल जुलाई में अजित पवार और कुछ अन्य विधायकों के राज्य में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद राकांपा में विभाजन हो गया था।
निर्वाचन आयोग ने इस वर्ष फरवरी में अजित पवार गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी घोषित किया था और इस गुट को राकांपा का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ आवंटित किया था।
शरद पवार की पार्टी राकांपा (एसपी) को बाद में ‘‘तुरही बजाते व्यक्ति’’ का चुनाव चिह्न आवंटित किया गया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)