West Bengal: सीएम ममता बनर्जी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- संदेशखालि हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को संदेशखालि हिंसा पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है।
कोलकाता, 12 फरवरी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को संदेशखालि हिंसा पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है. बनर्जी का बयान तब आया है, जब राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अपनी केरल यात्रा बीच में छोड़ते हुए सोमवार को उत्तर 24 परगना जिले में स्थित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया.
मुख्यमंत्री ने हावड़ा जिले में दुमुरजला स्टेडियम में संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई भी संदेशखालि जा सकता है. हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है. हमने राज्य महिला आयोग के दल को पहले ही वहां भेज दिया है। उन्होंने लौटकर रिपोर्ट जमा की. हिंसा भड़काने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है और जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं.’’ इससे पहले, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सोमवार को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में अशांत क्षेत्रों का दौरा किया और तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शाहजहां शेख और उसके साथियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला प्रदर्शनकारियों से बात की. यह भी पढ़े: अयोध्या में अरविंद केजरीवाल व भगवंत मान ने भगवान श्री रामलला के दर्शन किए
राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि उनकी कलाई पर राखी बांधने वाली सताई हुई महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पूरी मदद की जाएगी.
बोस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने जो देखा वो भयावह, स्तब्ध करने वाला और मेरी अंतरात्मा को हिला देने वाला था. मैंने वो कुछ देखा जो कभी नहीं देखना चाहिए था. मैंने कई चीजें सुनी जो कभी नहीं सुननी चाहिए थीं। मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि पर यह सब हुआ.’’
राज्यपाल ने कहा कि वह संविधान के प्रावधानों के तहत कानून के अनुसार इससे लड़ेंगे. उन्होंने स्थानीय महिलाओं से कहा, ‘‘चिंता मत कीजिए. आपको न्याय जरूर मिलेगा।’’इनमें से कई महिलाएं अपनी पहचान छिपाने के लिए चेहरा ढंककर उप राज्यपाल से मिलने आई थीं. महिलाओं को कहते सुना गया, ‘‘हम अपने लिए शांति और सुरक्षा चाहते हैं. हम और यह प्रताड़ना नहीं झेल सकते.’’ बोस ने महिलाओं से मिलने से पहले मौजूदा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और हालात का जायजा लेकर उन्हें तत्काल कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया.
बोस ने संदेशखालि के हालात पर राज्य सरकार से व्यापक रिपोर्ट मांगी है. पांच जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर भीड़ के हमले के बाद संदेशखालि चर्चा में आया। अधिकारी कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस नेता शाजहां शेख के परिसर की तलाशी लेने के लिए वहां गए थे, जब भीड़ ने उनपर हमला किया था. तभी से शेख लापता है. संदेशखालि में महिलाओं ने आरोप लगाया है कि शाजहां शेख और उसका "गिरोह" उनका यौन उत्पीड़न कर रहा है. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि संदेशखालि में मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया है.
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