Goa-Delhi: गोवा-दिल्ली एअर इंडिया के विमान में यात्री ने चालक दल के सदस्य के साथ मारपीट की
गोवा से एअर इंडिया के विमान में सवार एक पुरुष यात्री ने सोमवार को चालक दल के एक सदस्य के साथ मारपीट की और दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के बाद यात्री को सुरक्षा कर्मियों के हवाले कर दिया गया. विमानन कंपनी ने यह जानकारी दी.
नयी दिल्ली, 30 मई: गोवा से एअर इंडिया के विमान में सवार एक पुरुष यात्री ने सोमवार को चालक दल के एक सदस्य के साथ मारपीट की और दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के बाद यात्री को सुरक्षा कर्मियों के हवाले कर दिया गया. विमानन कंपनी ने यह जानकारी दी. पिछले कुछ महीने में विमानों में यात्रियों के असभ्य व्यवहार के अनेक मामले सामने आये हैं और ताजा मामला गोवा से दिल्ली आने वाली उड़ान संख्या एआई882 का है. यह भी पढ़ें: UP: नोएडा में विशेष अभियान के तहत 70 से अधिक वाहन चालकों के खिलाफ मामला दर्ज
एअर इंडिया के प्रवक्ता ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘उक्त यात्री ने चालक दल के सदस्यों को अपशब्द कहे और फिर उनमें से एक के साथ मारपीट की. दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने पर भी यात्री बिना उकसावे के उग्र व्यवहार करता रहा और उसे सुरक्षा कर्मियों के हवाले कर दिया गया। हमने विनियामक को घटना की जानकारी दी है.’’
घटना के बारे में और जानकारी फिलहाल नहीं मिल पाई है. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारे चालक दल और यात्रियों की सुरक्षा हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और हम यात्री के इस अनियंत्रित व्यवहार की कड़ी निंदा करते हैं. हम चालक दल के प्रभावित सदस्यों को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे.’’ एअर इंडिया ने इससे पहले 10 अप्रैल को दिल्ली-लंदन की एक उड़ान में चालक दल की दो महिला सदस्यों के साथ बदसलूकी के मामले में एक व्यक्ति पर दो साल के लिए विमान यात्रा पर रोक लगा दी थी.
नियमों के अनुसार, यात्रियों के इस तरह के व्यवहार को तीन स्तर पर वर्गीकृत किया गया है.
शारीरिक इशारों, मौखिक उत्पीड़न और शराब के नशे जैसे अनियंत्रित व्यवहार को स्तर 1 के रूप में वर्गीकृत किया गया है जबकि शारीरिक रूप से अपमानजनक व्यवहार जैसे धक्का देना, लात मारना या यौन उत्पीड़न को स्तर 2 के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
जीवन के लिए जोखिम उत्पन्न करने वाले व्यवहार जैसे विमान संचालन प्रणाली को नुकसान पहुंचाना, शारीरिक हिंसा जैसे गला घोंटना और जानलेवा हमला करने को स्तर 3 माना जाता है. अनियंत्रित व्यवहार के स्तर के आधार पर, संबंधित एयरलाइन द्वारा गठित एक आंतरिक समिति उस अवधि के बारे में निर्णय ले सकती है जिसके लिए आपत्तिजनक व्यवहार करने के दोषी यात्री को उड़ान भरने से प्रतिबंधित किया जा सकता है.
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