विदेश की खबरें | ‘पेंडोरा पेपर्स’ में पाकिस्तान के कारोबारियों, मंत्रियों के नाम, प्रधानमंत्री ने कहा-सबकी जांच होगी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. ‘पेंडोरा पेपर्स’ में पाकिस्तान के कुछ मंत्रियों, सेवानिवृत्त सैन्य, असैन्य अधिकारियों, कारोबारियों के नाम आने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि देश के जिन-जिन नागरिकों के नाम आए हैं, सरकार उनकी जांच करवाएगी।
इस्लामाबाद, चार अक्टूबर ‘पेंडोरा पेपर्स’ में पाकिस्तान के कुछ मंत्रियों, सेवानिवृत्त सैन्य, असैन्य अधिकारियों, कारोबारियों के नाम आने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि देश के जिन-जिन नागरिकों के नाम आए हैं, सरकार उनकी जांच करवाएगी।
दुनिया भर की चर्चित शख्सियतों के वित्तीय निवेशों को इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) द्वारा ‘पेंडोरा पेपर्स’ नाम से उजागर किए जाने के बाद खान ने रविवार को एक बयान में यह कहा। लीक दस्तावेजों के मुताबिक वित्त मंत्री शौकत तारिन, जल संसाधन मंत्री मूनिस इलाही, सीनेटर फैसल वावड़ा, उद्योग और उत्पादन मंत्री खुसरो बख्तियार के परिवार सहित अन्य लोगों के विदेशी कंपनियों से संपर्क पाए गए।
‘द न्यूज’ अखबार के अनुसार, खान के मंत्रिमंडल के प्रमुख सदस्यों के अलावा, सेवानिवृत्त सैन्य और असैन्य अधिकारियों, कारोबारियों के साथ-साथ देश के शीर्ष मीडिया कंपनियों के मालिकों के पास समुद्र तट पर बनीं विशेष संपत्तियों, नौकाओं और अन्य संपत्तियों के माध्यम से लाखों डॉलर की कंपनियां और ट्रस्ट हैं।
अखबार ने बताया कि पेंडोरा पेपर्स के रूप में नामित जांच से पता चला है कि जिन सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों के नाम पर संपत्तियां हैं उनमें लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मुहम्मद अफजल मुजफ्फर के बेटे, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) नुसरत नईम, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) खालिद मकबूल के दामाद, लेफ्टिनेंट-जनरल (सेवानिवृत्त) तनवीर ताहिर की पत्नी, लेफ्टिनेंट-जनरल (सेवानिवृत्त) अली कुली खान की बहन, एयर चीफ मार्शल अब्बास खट्टक के बेटे और सेवानिवृत्त सेना अधिकारी और नेता राजा नादिर परवेज शामिल हैं।
अपतटीय कंपनियों का मालिकाना हक रखने वाले मीडिया मालिकों में जंग समूह के प्रकाशक मीर शकील-उर-रहमान, डॉन मीडिया समूह के सीईओ हामिद हारून, एक्सप्रेस मीडिया समूह के प्रकाशक सुल्तान अहमद लखानी, एक टीवी चैनल जीएनएन का मालिकाना हक रखने वाले और पाकिस्तान टुडे के प्रकाशक गौरमेट ग्रुप के दिवंगत आरिफ निजामी का भी नाम है।
‘पेंडोरा पेपर्स’ ने यह भी खुलासा किया है कि पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) फ्रेंचाइजी के मालिक पेशावर जाल्मी और प्रसिद्ध उद्योगपति जावेद अफरीदी बीवीआई अधिकार क्षेत्र में तीन अपतटीय कंपनियों के मालिक हैं। अफरीदी ओल्ड ट्रैफर्ड प्रॉपर्टीज लिमिटेड, सटन गैस वर्क्स प्रॉपर्टीज लिमिटेड और गैस वर्क्स प्रॉपर्टी लिमिटेड के लाभकारी मालिक हैं।
पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार के बेटे, अली डार, सिंध के पूर्व सूचना मंत्री शरजील इनाम मेमन और पूर्व अध्यक्ष फेडरल ब्यूरो ऑफ रेवेन्यू और सचिव वित्त सलमान सिद्दीक के बेटे यावर सलमान के नाम भी कंपनियां हैं।
इसके अलावा कई कारोबारियों के भी नाम हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मेरी सरकार पेंडोरा पेपर्स में दर्ज देश के सभी नागरिकों की जांच करेगी और यदि कोई गलत काम पाया जाता है, तो हम उचित कार्रवाई करेंगे। मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस गंभीर अन्याय को जलवायु परिवर्तन संकट के समान मानने का आह्वान करता हूं।’’
खान ने कहा कि जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत की संपत्ति को लूटा, वैसे ही विकासशील देशों के अभिजात वर्ग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, अमीर देशों की न तो इस बड़े पैमाने की लूट को रोकने में दिलचस्पी है और न ही इस लूटे गए धन को वापस लाने में।’’
खान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव के वित्तीय जवाबदेही, पारदर्शिता और अखंडता पैनल (एफएसीटीआई) ने गणना की है कि सात ट्रिलियन डॉलर की रकम को छुपाकर रखा गया है। खान ने कहा कि उनका ‘‘दो दशकों से अधिक का संघर्ष इस विश्वास पर आधारित रहा है कि देश गरीब नहीं हैं बल्कि भ्रष्टाचार गरीबी का कारण बनता है क्योंकि पैसा हमारे देश में निवेश करने से हटा दिया जाता है।’’
इस रिपोर्ट को 117 देशों के 150 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों की मदद से तैयार किया गया। इसे ‘पेंडोरा पेपर्स’ (भानुमति के पिटारे से निकले दस्तावेज) करार दिया जा रहा है, क्योंकि इसने प्रभावशाली एवं भ्रष्ट लोगों के छुपाकर रखे गए धन की जानकारी दी और बताया है कि इन लोगों ने किस प्रकार हजारों अरब डॉलर की अवैध संपत्ति को छुपाने के लिए विदेश में खातों का इस्तेमाल किया।
पत्रकार फखर दुर्रानी के साथ जांच का हिस्सा रहे पाकिस्तानी खोजी रिपोर्टर उमर चीमा ने जियो न्यूज के साथ विवरण साझा किया। दोनों पत्रकार जंग ग्रुप के स्वामित्व वाले ‘द न्यूज’ अखबार से जुड़े हैं, जो ‘जियो न्यूज’ का भी मालिक है।
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