विदेश की खबरें | पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया कराया

इस्लामाबाद, 16 जुलाई पाकिस्तान ने मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को बृहस्पतिवार को राजनयिक संपर्क मुहैया कराया।

कुछ ही दिन पहले, इस्लामाबाद ने दावा किया था कि जाधव ने एक सैन्य अदालत द्वारा उन्हें दोषी करार दिये जाने के खिलाफ यहां एक अदालत में अपील दायर करने से इनकार कर दिया है।

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पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि जाधव को मुहैया कराया गया यह दूसरा राजनयिक संपर्क है। पहला राजनयिक संपर्क दो सितंबर 2019 को मुहैया कराया गया था।

जाधव (50) भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्हें जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। इसके कुछ ही हफ्तों बाद, भारत ने जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया नहीं किये जाने के खिलाफ और उनकी मौत की सजा को चुनौती देने के लिये हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख किया।

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अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि एवं सजा की प्रभावी समीक्षा करनी होगी और पुनर्विचार करना होगा, साथ ही बगैर किसी देर के भारत को राजनयिक स्तर पर उनसे संपर्क करने की भी इजाजत दी जाए।

पाक विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों को दोपहर तीन बजे कमांडर जाधव से बेरोक-टोक और निर्बाध संपर्क कराया गया। ’’

बयान में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जाधव की मां और पत्नी को 25 दिसंबर 2017 में उनसे मिलने की अनुमति दी गई थी।

बयान में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान आईसीजे के 17 जुलाई 2019 के फैसले का पूरी तरह से क्रियान्वयन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उसे उम्मीद है कि भारत इस फैसले को पूर्ण रूप से प्रभावी बनाने में पाकिस्तानी अदालत का सहयोग करेगा। ’’

पिछले हफ्ते पाकिस्तान के अतिरिक्त महान्यायवादी अहमद इरफान ने कहा था कि 17 जून 2020 को जाधव को अपनी सजा एवं दोषसिद्धि के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक अपील दायर करने की पेशकश की गई थी।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने 20 मई को एक अध्यादेश जारी किया , ताकि भारत सरकार, जाधव या उनके कानूनी प्रतिनिधि 60 दिनों के अंदर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक पुनर्विचार याचिका दायर कर सकें।

पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा कर्मियों ने जाधव को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से तीन मार्च 2016 को गिरफ्तार किया था। उन्होंने वहां कथित तौर पर ईरान से लगी सीमा से प्रवेश किया था।

हालांकि, भारत यह कहता आ रहा है कि जाधव का ईरान से अपहरण कर लिया गया, जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गये थे।

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