संयुक्त राष्ट्र, 22 सितम्बर भारत ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र में कोई ‘‘अधूरा एजेंडा’’ है, तो वह है आतंकवाद से और ऐसे देश से निपटना जिसे वैश्विक स्तर पर आतंकवाद का केन्द्र माना जाता है, जो आतंकवादियों को आश्रय तथा प्रशिक्षण देता है और उन्हें शहीद बताकर उनकी सराहना करता है।
प्रतिक्रिया देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने सोमवार को कहा, ‘‘पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जिसे दुनियाभर में आतंकवाद का केन्द्र माना जाता है, जो आतंकवादियों को पनाह तथा प्रशिक्षण देता है और उन्हें शहीदों का दर्जा देता है। साथ ही धार्मिक तथा जातीय अल्पसंख्यकों को लगातार सता रहा है।’’
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मैत्रा का इशारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के देश की संसद में दिए उस बयान की ओर था, जिसमें उन्होंने अल-कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को ‘‘शहीद’’ बताया था।
उन्होंने कहा, ‘‘ केन्द शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारे में किए गए दुर्भावनापूर्ण संदर्भ को हम खारिज करते हैं, यह भारत का एक अभिन्न हिस्सा है। अगर संयुक्त राष्ट्र में कोई अधूरा एजेंडा है तो वह आतंकवाद के खतरे से निपटने का है।’’
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संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर बुलाई गई महासभा की उच्च स्तरीय बैठक में सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने संबोधन में एक बार फिर जम्मू-कश्मीर का मामला उठाया था।
कुरैशी ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर और फलस्तीन ‘‘संयुक्त राष्ट्र के सबसे पुराने विवाद’’ हैं और जम्मू-कश्मीर के लोग अब भी संयुक्त राष्ट्र द्वारा उन्हें ‘‘आत्मनिर्णय का अधिकार’’ दिलाने का वादा पूरा होने का इंतजार कर रहे है।
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