Pakistan: न्यायालय ने नामांकन पत्र खारिज करने को चुनौती देने वाली इमरान खान की याचिका लौटाई

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की दो सीटों के लिए नामांकन पत्रों की अस्वीकृति को चुनौती देने वाली याचिका वापस कर दी है। शीर्ष अदालत ने याचिकाओं में खामियों को दूर करने का भी निर्देश दिया।

Imran Khan - Photo Credits ANI

इस्लामाबाद,1 फरवरी : पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की दो सीटों के लिए नामांकन पत्रों की अस्वीकृति को चुनौती देने वाली याचिका वापस कर दी है. शीर्ष अदालत ने याचिकाओं में खामियों को दूर करने का भी निर्देश दिया.

जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख खान के पंजाब प्रांत के लाहौर और मियांवाली जिलों में नेशनल असेंबली के दो निर्वाचन क्षेत्रों के लिए नामांकन पत्र पिछले महीने ‘‘नैतिक आधार और तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराए जाने’’ के कारण खारिज कर दिए गए थे. तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में खान पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मिले महंगे सरकारी उपहारों को अपने पास रखने का आरोप लगाया गया था.

खान (71) ने बुधवार को एक याचिका दायर कर उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया कि उन्हें दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने के लिए योग्य घोषित किया जाए. ‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, शीर्ष अदालत के कार्यालय ने याचिका में खामियों को दूर करने और उन्हें एक पखवाड़े के भीतर फिर से जमा करने के निर्देश के साथ खान की याचिका वापस कर दी.

पाकिस्तान में एक हफ्ते बाद आठ फरवरी को आम चुनाव होने हैं. खबर के मुताबिक, याचिकाओं को वापस करते हुए अदालत कार्यालय ने कहा कि ‘‘मामले का ठोस विवरण नहीं दिया गया, याचिकाओं में वास्तविक विवादों, मुकदमों के कालक्रम, अदालतों के निष्कर्षों और उच्चतम न्यायालय द्वारा विचार किए जाने वाले प्रश्नों का उल्लेख नहीं है.’’ खान की याचिका में दलील दी गई है कि अनुच्छेद 63 (1)(एच) के तहत किसी व्यक्ति को अयोग्य घोषित करने के लिए नैतिक अपराध का कोई मामला होना चाहिए.

याचिका में कहा गया कि तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में सजा नैतिक आधार पर नहीं सुनाई गई थी. याचिका में कहा गया, ‘‘निर्वाचन अधिकारी, चुनाव न्यायाधिकरण और उच्च न्यायालय के फैसलों को अमान्य घोषित किया जाना चाहिए.’’ पूर्व प्रधानमंत्री ने नामांकन पत्र खारिज करने के खिलाफ इस महीने की शुरुआत में लाहौर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज करते हुए निर्वाचन अधिकारी और अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले को बरकरार रखा था.

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