जरुरी जानकारी | अभी तक धान खरीद 24 प्रतिशत अधिक, एमएसपी के मुद्दे पर विरोध कांग्रेस शासित पंजाब तक सीमित: गोयल

नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि नए कृषि कानूनों और विशेष रूप से एमएसपी केमुद्दे पर विरोध, केवल कांग्रेस शासित राज्य पंजाब तक ही सीमित है क्योंकि राज्य सरकार और कुछ दल किसानों के बीच भ्रम पैदा करने के लिए ‘राजनीति’ कर रहे हैं।

उन्होंने पंजाब सरकार पर ‘‘किसानों के साथ नहीं बल्कि बिचौलियों के साथ खड़े होने’ का भी आरोप लगाया।

यह भी पढ़े | 7th Pay Commission Latest Update: नॉनसेंट्रल गवर्नमेंट कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! सेंटर के एलटीसी कैश वाउचर योजना का लाभ उठा सकते हैं, यहां देखें पूरी डिटेल्स.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चालू खरीफ विपणन सत्र 2020-21 में 1,40,078 करोड़ रुपये का व्यय कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 7.42 करोड़ टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है।वर्ष 2019-20 में 1,15,172 करोड़ रुपये मूल्य के 6.27 करोड़ टन धान की खरीद की गयी थी।

आभासी संवाददाता सम्मेलन में गोयल ने कहा, ‘‘मेरा मानना ​​है कि धान खरीद के आंकड़े देश भर के सभी किसानों को एक स्पष्ट संदेश देते हैं कि पंजाब में किसानों के बीच भ्रम पैदा करने का प्रयास किया गया है लेकिन किसान भ्रमित नहीं हुए हैं।’’

यह भी पढ़े | Gujarat by-polls 2020: गुजरात उपचुनाव लड़ने वाले 25 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति.

उन्होंने कहा, ‘‘यह (विरोध) केवल पंजाब तक सीमित है, देश के अन्य हिस्सों में नहीं। वहां की सरकार और कुछ दल राजनीतिक दल वहां राजनीति कर रहे हैं और वे किसानों के साथ नहीं बल्कि बिचौलियों के साथ खड़े हैं।’’

उन्होंने कहा कि वर्षों से धान खरीद बढ़ने और चालू खरीफ विपणन सत्र में अभी तक हो रही धान खरीद में वृद्धि दर्शाता है कि मोदी सरकार उन किसानों के साथ खड़ी है जो इस तथ्य से अवगत हैं और नए कृषि कानूनों का स्वागत करते हैं।

उन्होंने कहा कि पंजाब में 29 अक्टूबर तक खरीद 37 प्रतिशत बढ़कर 129.72 लाख टन हो गई, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 400 प्रतिशत बढ़कर 3,90,920 टन और तमिलनाडु में उक्त अवधि में यह 900 प्रतिशत बढ़कर 3,56,852 टन हो गई।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 की तुलना में इस साल धान का एमएसपी 40 प्रतिशत बढ़ाकर 1,888 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इस वर्ष लगभग एमएसपी पर धान की खरीद किये जाने से 1.57 करोड़ किसानों के लाभान्वित होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष 2013-14 की संख्या के मुकाबले धान क्रय केंद्रों की संख्या 71 प्रतिशत बढ़ाकर 64,515 कर दी गई है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)