हमारा लक्ष्य महिला विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में आगे बढ़ना होना चाहिए: राष्ट्रपति कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विधिक सेवा संगठनों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए शनिवार को कहा कि बतौर देश हमारा लक्ष्य महिला विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में आगे बढ़ना होना चाहिए.

राष्ट्रपित रामनाथ कोविंद (Photo Credits ANI)

नयी दिल्ली, 2 अक्टूबर : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने विधिक सेवा संगठनों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए शनिवार को कहा कि बतौर देश हमारा लक्ष्य महिला विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में आगे बढ़ना होना चाहिए. राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण (नाल्सा) के छह सप्ताह तक चलने वाले ‘अखिल भारतीय कानूनी जागरूकता एवं संपर्क अभियान’ की शुरुआत पर कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि विधिक सेवाएं प्राधिकरण को समाज में हाशिये पर रहने वाल तबके की मदद के लिए विशेष प्रयास करना चाहिए. राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ बतौर देश हमारा लक्ष्य महिला विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में आगे बढ़ना होना चाहिए. इसलिए कानूनी संगठनों में महिलाओं की संख्या बढ़ाना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि महिला लाभार्थियों की सबसे बड़ी संभावित संख्या तक पहुंचना. ’’

महात्मा गांधी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गरीबों की मदद के लिए उन्होंने (गांधी ने) नि:स्वार्थ काम किया तथा बंधुआ मजदूर अदालतों में उनकी ओर आशाभरी निगाहों से देखते थे. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ वकीलों को कमजोर तबके के लोगों की नि:स्वार्थ सेवा करने के लिए अपना कुछ समय तय करना चाहिए. केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजीजू ने कहा कि नाल्सा लोगों के द्वार तक न्याय पहुंचाने का अनुकरणीय कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘नाल्सा एवं राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरणों ने जमीनी स्तर पर कानूनी सहायता एवं सशक्तिकरण की ठोस व्यवस्था विकसित की है जिसपर हर व्यक्ति को नाज हो सकता है. नाल्सा कानूनी जागरूकता पैदाकर न्याय पहुंचाने में अनुकरणीय भूमिका निभा रहा है. ’’ यह भी पढ़ें : Samantha Akkineni और Naga Chaitanya ने लिया तलाक का फैसला, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने न्याय की सुलभता तथा जीवन आसान बनाने पर ध्यान दिया है .

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने कहा कि इस साल मई से कॉलेजियम ने उच्च न्यायालयों के लिए 106 न्यायाधीशों एवं विभिन्न उच्च न्यायालयों के लिए नौ मुख्य न्यायाधीशों की सिफारिश की है. उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार ने कुछ को मंजूरी दे दी है और कानून मंत्री ने मुझे बताया कि बाकी पर एक -दो दिनों में मंजूरी मिलने जा रही है . मैं इन रिक्तियों को भरने में मंजूरी देने एवं इंसाफ की शीघ्र सुलभता सुनिश्चित करने को लेकर सरकार को धन्यवाद देता हूं.’’

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