विदेश की खबरें | पाक के साथ हमारी दोस्ती मजबूत और अटूट: चीन
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. चीन ने पाकिस्तान का कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने पर अनवार-उल-हक काकड़ को बधाई देते हुए कहा कि उसकी इस्लामाबाद के साथ "मजबूत मित्रता" हमेशा "दृढ़ और अटूट" रहेगी।
इस्लामाबाद, 14 अगस्त चीन ने पाकिस्तान का कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने पर अनवार-उल-हक काकड़ को बधाई देते हुए कहा कि उसकी इस्लामाबाद के साथ "मजबूत मित्रता" हमेशा "दृढ़ और अटूट" रहेगी।
इससे पहले इस्लामाबाद में, 52 वर्षीय काकड़ ने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। पुश्तून नेता काकड़ ताकतवर फौज के करीबी माने जाते हैं और वह आर्थिक संकट से जूझ रहे देश की शासन व्यवस्था चलाने के लिए तटस्थ राजनीतिक व्यवस्था का नेतृत्व करेंगे और अगला आम चुनाव कराएंगे।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग विनबिन ने बीजिंग में एक प्रेस वार्ता में कहा, “चीन हमारी सदाबाहर रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने, नए युग में साझा भविष्य के साथ और भी करीबी चीन-पाकिस्तान समुदाय का निर्माण करने और दोनों देशों और लोगों को अधिक लाभ पहुंचाने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करने के लिए तैयार है।”
उन्होंने पाकिस्तानी पत्रकार की ओर पूछा गए सवाल के जवाब में कहा, “ चीन श्री काकड़ को पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति पर बधाई देता है। अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य और पाकिस्तान में घरेलू स्थिति कैसे भी बदलें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है और चीन और पाकिस्तान के बीच मजबूत दोस्ती हमेशा दृढ़ और अटूट रहेगी।”
रविवार को अशांत बलूचिस्तान प्रांत के बंदरगाह शहर ग्वादर में चीनी कर्मचारियों को ले जा रहे एक सैन्य काफिले पर आतंकवादी हमले पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए, वांग ने कहा कि चीन आतंकवादी कृत्य की कड़ी निंदा करता है और उसने पाकिस्तानी अधिकारियों से अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने और चीनी नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए कार्रवाई करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि हमले में कोई भी चीनी नागरिक हताहत नहीं हुआ है।
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने काफिले पर हमला करने पर दो आतंकवादियों को मार गिराया। ग्वादर अरबों डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के केंद्र बिंदुओं में से एक है जहां कई चीनी कर्मचारी काम कर रहे हैं। चीन सीपीईसी के तहत बलूचिस्तान में भारी निवेश कर रहा है। काकड़ का संबंध भी बलूचिस्तान से है।
भारत ने सीपीईसी को लेकर विरोध किया है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजर रहा है।
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