देश की खबरें | विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से संसद में गतिरोध, जांच एजेंसियों के ‘दुरुपयोग’ को लेकर दखल की मांग की
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नयी दिल्ली, 26 जुलाई कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी पार्टियों ने महंगाई और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर संसद में चल रहे गतिरोध तथा जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से आग्रह किया कि वे इन मामलों में हस्तक्षेप करें।
विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उन्हें पदभार ग्रहण करने की बधाई भी दी।
इन दलों ने पत्र में कहा, ‘‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद के मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है क्योंकि सरकार महंगाई और कई खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाने के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे कई उदाहरण हैं कि पहले इस तरह के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई है, लेकिन यह सरकार अड़ियल रुख अपनाए हुए है और चर्चा कराने के लिए तैयार नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आपका ध्यान इस ओर भी खींचना चाहते हैं कि मोदी सरकार, राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रतिशोध की सुनियोजित मुहिम के तहत जांच एजेंसियों का दुरुपयोग जारी रखे हुए है और इसे तेज कर दिया है। कानून को भय या पक्षपात के बिना लागू करना चाहिए। लेकिन इसे मनमाने और चुनिंदा ढंग से विपक्ष के प्रमुख नेताओं के खिलाफ बिना किसी उचित कारण के, लागू नहीं किया जा सकता।’’
विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वह इन मामलों में हस्तक्षेप करें।
इस पत्र पर कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एलामारम करीम, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं के हस्ताक्षर हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक वीडियो में इस पत्र का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘कई विपक्षी पार्टियों की ओर से महामहिम राष्ट्रपति को एक ज्ञापन दिया गया है। सभी विपक्षी दलों की यही मांग है कि महंगाई और खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने के बारे में तत्काल चर्चा हो। पहले भी ऐसे मुद्दों पर चर्चा हो चुकी है। सरकार मान नहीं रही है। इसलिए संसद नहीं चल रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि कल संसद में महंगाई और जीएसटी पर चर्चा हो।’’
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