ताजा खबरें | विपक्ष को कोई ‘तकलीफ’ है इसलिए मणिपुर की सच्चाई सामने लाने नहीं दे रहा: पीयूष गोयल

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने सोमवार को विपक्ष पर मणिपुर हिंसा पर चर्चा से भागने का आरोप लगाते हुए कहा उन्हें कोई न कोई तकलीफ है, जिस वजह से वे पूर्वोत्तर राज्य की सच्चाई सामने लाने नहीं दे रहे।

नयी दिल्ली, 31 जुलाई राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने सोमवार को विपक्ष पर मणिपुर हिंसा पर चर्चा से भागने का आरोप लगाते हुए कहा उन्हें कोई न कोई तकलीफ है, जिस वजह से वे पूर्वोत्तर राज्य की सच्चाई सामने लाने नहीं दे रहे।

राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत विपक्षी सदस्यों की ओर से मिले नोटिस का उल्लेख कर रहे थे तभी गोयल ने कहा कि सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा को तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘‘वे संसदीय प्रक्रियाओं का मजाक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वे सदस्यों की दी गई आजादी का दुरुपयोग कर रहे हैं। इससे उनकी मानसिकता परिलक्षित हो रही है। सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा को तैयार है।’’

गोयल ने कहा, ‘‘उन्होंने (विपक्ष) सदन के नौ महत्वपूर्ण दिन बर्बाद कर दिए। देश देख रहा है। यह चर्चा पहले ही दिन हो सकती थी। सरकार सर्वदलीय बैठक में ही चर्चा कराने की सहमति दे चुकी थी। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि वे आखिरकार संदेश क्या देना चाह रहे हैं।’’

गोयल ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि आखिरकार ऐसा क्या है जो वे छुपाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इनकी दाढ़ी में कुछ काला है। कोई ना कोई तकलीफ है। जिसके चलते वे भाग रहे हैं। इनको कोई तकलीफ है जिसकी वजह से मणिपुर की सच्चाई सामने लाने नहीं दे रहे हैं।’’

गोयल ने विपक्षी सदस्यों से आत्मचिंतन की अपील की और कहा कि उन्हें अपने फैसले (हंगामे) पर पुन:विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘इस सदन में हम मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं। हम आज के आज ही चर्चा चाहते हैं। नियम 176 के तहत आज ही चर्चा शुरू की जाए। और आज ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। मुझे लगता है कि विपक्ष की रणनीति रोज आपको तकलीफ देना है। पूरा सदन इस बात से सहमत है कि अभी कार्यवाही शुरू की जाए और आज ही दोपहर दो बजे मणिपुर पर चर्चा शुरू की जाए।’’

सरकार जहां नियम 176 के तहत चर्चा कराने पर अड़ी है वहीं विपक्ष नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहा है।

इसी मुद्दे पर हंगामे के कारण उच्च सदन की कार्यवाही भोजनावकाश से पहले दो बार स्थगित की गई।

गौरतलब है कि 20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में विपक्ष मणिपुर हिंसा पर के मुद्दे पर कार्यस्थगन के प्रावधान वाले नियम 267 के तहत सदन में चर्चा कराये जाने के रुख पर लगातार कायम है।

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