देश की खबरें | विपक्ष ने संभल हिंसा को लेकर उप्र सरकार को घेरा, न्यायिक जांच की मांग की
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नयी दिल्ली, 25 नवंबर विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा को लेकर सोमवार को राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस घटना की उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच होनी चाहिए।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, संभल में मुगलकालीन मस्जिद का अदालत के आदेश पर हो रहे सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच रविवार को हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और करीब 20 सुरक्षाकर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए।
भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने हिंसा को ‘‘पूर्व नियोजित’’ करार दिया और कहा कि यह उन लोगों द्वारा उकसायी गयी थी जो देश में उनकी पार्टी के बढ़ते ग्राफ से परेशान हैं।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन ने खुद को बचाने के लिए सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
उन्होंने कहा कि संभल में हुई हिंसा के मामले को संसद में उठाया जाएगा।
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और पार्टी इसे संसद के दोनों सदनों में उठाएगी।
सपा के लोकसभा सदस्य ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने (कार्य) स्थगन के लिए नोटिस दिया है। हम निश्चित रूप से इस मुद्दे को (सदन में) उठाएंगे।"
संभल के सांसद जियाउर रहमान बर्क ने दावा किया कि घटना "पूर्व नियोजित" थी और मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाया जा रहा है।
राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि संभल में जो हुआ वो ‘हत्या’ है।
उनका कहना है कि इस घटना की उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश से जांच कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस के सहारनपुर सांसद इमरान मसूद ने आरोप लगाया कि हिंसा राज्य प्रायोजित थी क्योंकि इसमें पुलिस भी शामिल थी।
ऑल अंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि चार लोगों की हत्या की गई है।
उन्होंने का कि घटना की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अगुवाई में जांच होनी चाहिए।
ओवैसी ने दावा किया कि संभल की मस्जिद की प्रबंधन समिति का पक्ष सुने बिना निचली अदालत द्वारा सर्वेक्षण का आदेश पारित कर दिया गया।
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