Omicron Variant: दिल्ली में चिकित्सा ऑक्सीजन के बुनियादी ढांचे में किया गया सुधार
कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने जीवन रक्षक गैस की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा ऑक्सीजन के बुनियादी ढांचे में सुधार किया है.
नयी दिल्ली, 31 दिसंबर : कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने जीवन रक्षक गैस की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा ऑक्सीजन के बुनियादी ढांचे में सुधार किया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने 6,000 डी-टाइप सिलेंडर भी खरीदे हैं. एक डी-टाइप सिलेंडर में 46 लीटर ऑक्सीजन आ सकती है. शहर में 31 मई तक ऐसे सिलेंडर नहीं थे.
आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली परिवहन निगम के पास 9,115 से अधिक सिलेंडर हैं. शहर में ‘प्रेशर ऐड्सॉर्प्शन’ संयंत्र भी हैं, जो 99.66 मीट्रिक टन ऑक्सीजन बना सकते हैं. दिल्ली में 31 मई तक ऐसी कोई सुविधा नहीं थी. सरकार पांच जनवरी, 2022 तक चार और संयंत्र स्थापित करेगी. इस सप्ताह, 12.5 मीट्रिक टन क्षमता वाले दो ‘क्रायोजेनिक बॉटलिंग’ संयंत्र चालू किए जाएंगे, ये एक दिन में 1,400 जंबो सिलेंडर को भरने की क्षमता रखते हैं. सरकार के पास 31 मई तक, तीन ‘रिफिलर’ ही थे, जो प्रति दिन लगभग 1,500 सिलेंडर भर सकते थे. यह भी पढ़ें : पश्विम बंगाल विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता घटकर सबसे कम मात्र 36 रह गई
राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, बृहस्पतिवार को संक्रमण 1,313 नए मामले सामने आए और संक्रमण दर एक प्रतिशत के पार चली गई. दिल्ली में अभी तक ‘ओमीक्रोन’ के 320 मामले सामने आ चुके हैं. गौरतलब है कि दिल्ली को अप्रैल-मई में कोविड-19 की दूसरी लहर का सामना करना पड़ा था. उस दौरान कई लोगों की संक्रमण से जान गई थी और कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी भी हो गई थी.