नयी दिल्ली, नौ मई मलेशिया और शिकागो एक्सचेंज में तेजी के रुख तथा सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की भारी निर्यात मांग के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सोयाबीन तेल तिलहन, सीपीओ सहित लगभग सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार दर्ज किया गया। देश में मिलावट मुक्त और सस्ता होने की वजह से सरसों की मांग तथा मूंगफली की निर्यात मांग बढ़ने से सरसों एवं मूंगफली तेल तिलहनों के भाव भी सप्ताहांत लाभ के साथ बंद हुए।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की भारी निर्यात मांग के साथ साथ मुर्गी दाने के लिए पॉल्ट्री वालों की भारी मांग है। इस मांग वृद्धि की वजह से सोयाबीन के तेल तिलहनों के भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले पर्याप्त लाभ दर्शाते बंद हुए।
सूत्रों ने कहा कि विदेशों में सोयाबीन डीगम का भाव 1,280 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1,420 डॉलर प्रति टन हो गया। इसी प्रकार सीपीओ का दाम में 100-125 डॉलर प्रति टन की वृद्धि हुई है। पॉल्ट्री कंपनियों की भारी मांग की वजह से महाराष्ट्र में डीओसी का भाव 6,700 रुपये प्रति क्विन्टल पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि आयातित तेलों के मुकाबले सस्ता बैठने तथा सरसों तेल में कोई मिलावट न होने से देश में सरसों की मांग बढ़ी है। स्वास्थ्य के लिए बेहतर होने के कारण भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं में सरसों तेल की मांग है। इस मांग के बढ़ने से सरसों तेल तिलहनों के भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में पर्याप्त लाभ दर्शाते बंद हुए।
मलेशिया एक्सचेंज में तेजी तथा व्यावसायिक मांग बढ़ने की वजह से समीक्षाधीन सप्ताहांत में सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में भी तेजी रही।
सूत्रों ने कहा कि मौजूदा हालात हमें इस बात का संकेत दे रहे हैं कि हमें तेल तिलहनों के मामले में जल्द से जल्द आत्मनिर्भरता हासिल करनी होगी जो हर हिसाब से देश के लिए, यहां के किसानों के लिए फायदेमंद होगा। विदेशों के साथ साथ देश में पॉल्ट्री कंपनियों की जिस कदर डीओसी (सोयाबीन, सरसों इत्यादि के तेल रहित खल) की मांग बढ़ी है उस स्थिति का, तिलहन उत्पादन बढ़ाकर काफी लाभ कमाया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि सरकार को सूरजमुखी की खेती को प्रोत्साहित करना चाहिये जिसकी अभी बुवाई चल रही है। सूरजमुखी के उत्पादन बढ़ाने की ओर ध्यान दे कर हमें इसका उत्पादन इतना बढ़ाना होगा कि हमें पहले की तरह इसके आयात की आवश्यकता न रह जाये।
इसके अलावा अगले महीने डेढ़ महीने में सोयाबीन की भी बिजाई पर नजर रखनी होगी और किसानों को बेहतर सोयाबीन के बीज उपलब्ध कराने होंगे। हाल के दिनों में किसानों को अपनी तिलहन उपज का जो बेहतर दाम मिला है उससे भविष्य में तेल तिलहन उत्पादन में भारी वृद्धि के आसार हैं।
सरसों दाना का भाव 425 रुपये के सुधार के साथ 7,405-7,460 रुपये प्रति क्विन्टल हो गया जो भाव उसके पिछले सप्ताहांत 6,985-7,035 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव भी 1,000 रुपये सुधरकर 15,000 रुपये प्रति क्विन्टल हो गया। सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी टिनों के भाव भी समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 295 रुपये और 265 रुपये के लाभ के साथ क्रमश: 2,385-2,485 रुपये और 2,485-2,585 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।
सोयाबीन के तेल रहित खल की स्थानीय पॉल्ट्री फर्मो के अलावा भारी निर्यात मांग होने के कारण सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में सुधार देखा गया। सोयाबीन दाना और लूज का भाव क्रमश: 630 - 630 रुपये के लाभ के साथ क्रमश: 7,950-8,000 रुपये और 7,800-7,850 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ।
सोयाबीन दिल्ली, इंदौर और सोयाबीन डीगम का भाव क्रमश: 550 रुपये, 650 रुपये और 400 रुपये के लाभ के साथ 15,950 रुपये, 15,650 रुपये और 14,500 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए।
निर्यात के साथ साथ स्थानीय मांग होने से मूंगफली दाना 60 रुपये की तेजी के साथ 6,445-6,490 रुपये, मूंगफली गुजरात 200 रुपये के लाभ के साथ 15,800 रुपये क्विन्टल तथा मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव 25 रुपये के लाभ के साथ 2,520-2,580 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
सप्ताह के दौरान सोमवार को सीपीओ के आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि किये जाने के बाद कच्चा पाम तेल (सीपीओ) का भाव 350 रुपये सुधरकर 12,450 रुपये प्रति क्विन्टल हो गया। पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला तेल के भाव भी समीक्षाधीन सप्ताहांत में 450 रुपये और 550 रुपये लाभ के साथ क्रमश: 14,450 रुपये और 13,450 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
बाकी तेलों में बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) का भाव 200 रुपये के लाभ के साथ 14,850 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ।
राजेश
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