जरुरी जानकारी | विदेशों में बाजार टूटने से तेल-तिलहनों के भाव लुढ़के

नयी दिल्ली, 14 जुलाई विदेशी बाजारों में कमजोरी के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को कारोबार का मिला-जुला रुख रहा। सरसों तेल, सोयाबीन तेल, सीपीओ और पामोलीन तेल सहित अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज हुई। वहीं बेहतर मांग के कारण मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में सुधार हुआ। सरसों दाना, सोयाबीन तिलहन फसलें और बिनौला तेल के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में लगभग 3.5 प्रतिशत की गिरावट थी, जबकि शिकॉगो एक्सचेंज फिलहाल तीन प्रतिशत नीचे है। विदेशों की इस गिरावट से अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव टूट गये।

सूत्रों ने कहा कि विदेशों में तेल कीमतों की मंदी से आयातक और तेल उद्योग का दीवाला निकल गया है। दूसरी ओर बंदरगाहों पर आयातित तेलों की पहले की खेपें खड़ी हैं और आयातित भाव के मुकाबले मंडियों में दाम टूट चुके हैं। इसके ऊपर जुलाई में सोयाबीन डीगम का लगभग पांच लाख टन का रिकॉर्ड आयात किया गया है। उस तेल को भी सस्ते में खपाने की बाध्यता होगी क्योंकि उनका आयात 1,950-2,100 डॉलर प़्रति टन के भाव से किया गया है जबकि बाजार में अभी सोयाबीन डीगम का भाव लगभग 1,350 डॉलर प्रति टन है। सूत्रों ने कहा कि ऐसे में देशी तेल-तिलहनों का उत्पादन प्रभावित होने का खतरा है। सरकार ने पहले ही कुछ खाद्य तेलों के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति दे रखी है। इसके अलावा डीआयल्ड केक (डीओसी) के आयात की भी छूट दी है। ये सारी परिस्थितियां किसानों को हतोत्साहित कर सकती हैं और तिलहन उत्पादन से वे विमुख हो सकते हैं।

मांग होने और किसानों द्वारा नीचे भाव में बिक्री नहीं करने से सरसों दाना और सोयाबीन दाना एवं लूज के भाव पूर्ववत बने रहे। जबकि रिकॉर्ड आयात होने की खबर से सोयाबीन, पामोलीन तेल के भाव टूट गये। इस गिरावट का असर सरसों तेल पर भी हुआ और उसके भाव भी गिरावट दर्शाते बंद हुए। मांग निकलने से मूंगफली तेल-तिलहन के भाव में सुधार आया।

सूत्रों ने कहा कि रुपये में रोजाना की रिकॉर्ड गिरावट ने आयातकों के संकट को और बढ़ा दिया है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाने के भरपूर प्रयास करने होंगे तभी इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है। सूत्रों ने तेल संगठनों द्वारा शुल्क-मुक्त खाद्यतेल आयात की अनुमति दिये जाने की मांग को तेल-तिलहन उत्पादन को प्रभावित करने वाला बताया।

बृहस्पतिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 7,295-7,345 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,785 - 6,910 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,850 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,655 - 2,845 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,310-2,390 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,350-2,455 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 10,850 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,950 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,600 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,350 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 6,275-6,325 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 6,025- 6,075 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

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