वायदा कारोबार में भाव टूटने से तेल तिलहन कीमतों में गिरावट का रुख
बाजार सूत्रों ने बताया कि सट्टेबाजों ने जानबूझकर सरसों के भाव को तोड़ रखा है ताकि सरसों किसान औने पौने दाम पर मंडी में अपनी फसल को बेच दें। इस पूरे माहौल से देशी तिलहन उत्पादक किसानों को काफी परेशानी हो रही है। सरकार को वायदा कारोबार का संचालन इस प्रकार से सुनिश्चित करना चाहिये ताकि सट्टेबाजों पर अंकुश लगे और इस कारोबार से किसानों का हित सध सके।
नयी दिल्ली, 14 मई वायदा कारोबार में सरसों की बिकवाली से इसके भाव टूटे जिससे दिल्ली तेल तिलहन बाजार में कमजोरी का रुख रहा। अधिकांश तेल तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी।
बाजार सूत्रों ने बताया कि सट्टेबाजों ने जानबूझकर सरसों के भाव को तोड़ रखा है ताकि सरसों किसान औने पौने दाम पर मंडी में अपनी फसल को बेच दें। इस पूरे माहौल से देशी तिलहन उत्पादक किसानों को काफी परेशानी हो रही है। सरकार को वायदा कारोबार का संचालन इस प्रकार से सुनिश्चित करना चाहिये ताकि सट्टेबाजों पर अंकुश लगे और इस कारोबार से किसानों का हित सध सके।
देश के वायदा बाजार में तिलहनों के वायदा भाव उनके घोषित समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बिक रहे हैं। विदेशों से सस्ते तेलों के आयात का दबाव होने से घरेलू तिलहन उत्पादक किसानों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन नहीं मिल पाता है। बाजार सूत्रों का कहना है कि सरकार को तिलहन का वायदा कारोबार या तो बंद कर देना चाहिये या फिर उसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे भाव बोलने पर रोक लगनी चाहिये।
इस बीच मलेशिया ने मांग के अभाव में अपने यहां खाद्य तेलों के पड़े हुए स्टॉक का निपटान करने के मकसद से निर्यात शुल्क में 4.5 प्रतिशत की कमी की है।
एनसीडीईएक्स में सरसों के जून अनुबंध का भाव 4,195 रुपये क्विन्टल है जबकि जयपुर में सरसों का हाजिर भाव 4,500 रुपये क्विन्टल है। इसी तरह से वायदा कारोबार में सोयाबीन के जुलाई अनुबंध का भाव 3,740 रुपये (मंडी शुल्क, वारदाना व अन्य सारे खर्चे मिलाकर) है जबकि इसका हाजिर भाव 3,950 रुपये से 4,000 रुपये के बीच है। इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,700 रुपये क्विन्टल है। अगले महीने से सोयाबीन की बिजाई होनी है और किसानों को लाभ की बात को दूर, अपनी लागत भी नहीं निकलेगी तो फिर उन्हें हतोत्साहित होने से कैसे रोका जा सकेगा। सूत्रों ने कहा कि तिलहन उत्पादन में देश को सही मायने में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार को किसानों के हितों को ध्यान में रखकर वायदा कारोबार को सट्टेबाजों से निजात दिलानी होगी।
बृहस्पतिवार को बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 4,375 - 4,425 रुपये।
मूंगफली - 4,950 - 5,000 रुपये।
वनस्पति घी- 955 - 1,060 रुपये प्रति टिन।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,750 रुपये।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,030 - 2,080 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 8,880 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,425 - 1,570 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,495 - 1,615 रुपये प्रति टिन।
तिल मिल डिलिवरी तेल- 10,000 - 13,500 रुपये।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 8,600 रुपये।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 8,550 रुपये।
सोयाबीन तेल डीगम- 7,400 रुपये।
सीपीओ एक्स-कांडला- 6,300 रुपये।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 7,700 रुपये।
पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 7,650 रुपये।
पामोलीन कांडला- 6,900 रुपये (बिना जीएसटी के)।
सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,940- 3,990 लूज में 3,740--3,790 रुपये।
मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये
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