Odisha: पुरी जगन्नाथ मंदिर ‘रत्न भंडार’ की चाबियां गुम होने संबंधी मामले की सुनवाई स्थगित

उड़ीसा उच्च न्यायालय ने उस जनहित याचिका पर सुनवाई दो और सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है जिसमें पुरी जगन्नाथ मंदिर के ‘रत्न भंडार’ की चाबियां गुम होने के मामले में न्यायमूर्ति रघुबीर दास आयोग की जांच रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

Jagannath Temple (img: Wikipedia commons)

कटक, 16 मार्च : उड़ीसा उच्च न्यायालय ने उस जनहित याचिका पर सुनवाई दो और सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है जिसमें पुरी जगन्नाथ मंदिर के ‘रत्न भंडार’ की चाबियां गुम होने के मामले में न्यायमूर्ति रघुबीर दास आयोग की जांच रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. शुक्रवार को सरकार ने याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा, जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई स्थगित कर दी.

जनहित याचिका पुरी के निवासी दिलीप कुमार बराल ने 2023 में दायर की थी. जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने में राज्य सरकार के विफल रहने के बाद बराल ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर हस्तक्षेप का अनुरोध किया था. राज्य सरकार ने पुरी मंदिर में भगवान जगन्नाथ के खजाने 'रत्न भंडार' की चाबियां गायब होने के मामले में परिस्थितियों की जांच के लिए 6 जून, 2018 को न्यायमूर्ति रघुबीर दास आयोग का गठन किया था. न्यायमूर्ति दास ने 29 नवंबर, 2018 को ओडिशा सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन राज्य सरकार ने रिपोर्ट को राज्य विधानसभा में पेश नहीं किया है. यह भी पढ़ें : Rajasthan: लोकसभा चुनाव के लिए पहली बार के 15 लाख मतदाताओं सहित राज्य में 5.32 करोड़ से अधिक मतदाता

बराल ने अपनी याचिका में कहा कि राज्य सरकार ने कथित तौर पर जांच आयोग पर 23 लाख रुपये खर्च किए. याचिका के अनुसार राज्य के लोगों को जांच आयोग की रिपोर्ट के निष्कर्षों के बारे में जानकारी नहीं दी गई. उच्च न्यायालय ने पिछले साल अप्रैल में प्रारंभिक सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट की वर्तमान स्थिति के बारे में दो महीने के अंदर एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था.

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