देश की खबरें | न्याय यात्रा: राहुल को शंकरदेव के जन्मस्थान पर जाने की इजाजत नहीं मिली; प्रधानमंत्री पर साधा निशाना
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सोमवार को असम के नगांव जिले में शंकरदेव सत्र की यात्रा करने और मोरीगांव जिले में एक सभा आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई। इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब तय करेंगे कि ‘‘कौन मंदिर जाएगा और कब जाएगा।’’
नगांव/मोरीगांव (असम), 22 जनवरी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सोमवार को असम के नगांव जिले में शंकरदेव सत्र की यात्रा करने और मोरीगांव जिले में एक सभा आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई। इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब तय करेंगे कि ‘‘कौन मंदिर जाएगा और कब जाएगा।’’
पन्द्रहवीं सदी के समाज सुधारक श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली, सत्र के लिए सुबह निकले गांधी को हैबरगांव में रोका गया, जिसके बाद वह पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ धरने पर बैठ गए। गांधी ने यह भी दावा किया कि अधिकारियों ने उन्हें रोकने का कोई कारण नहीं बताया।
गांधी ने पुलिस अधिकारियों से कहा, ‘‘क्या प्रधानमंत्री मोदी अब ये तय करेंगे कि कौन मंदिर जाएगा और कब जाएगा? हम कोई समस्या पैदा नहीं करना चाहते और बस मंदिर में प्रार्थना करना चाहते हैं।’’ कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि उन्हें सत्र जाने से क्यों रोका जा रहा है।
बाद में, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और बटद्रवा विधायक सिबमोनी बोरा दर्शन करने सत्र गए। इसके बाद, गांधी ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा, ‘‘यह अजीब तर्क है कि इलाके में कानून-व्यवस्था की कुछ समस्या है...गौरव गोगोई तथा सभी लोग वहां जा सकते हैं, लेकिन केवल राहुल गांधी नहीं जा सकते।’’
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी को श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थल का दर्शन करने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम सरकार पर दबाव डाला।
गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि वह शंकरदेव के दर्शन में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा ‘‘हम लोगों को एक साथ लाने विश्वास करते हैं, नफरत फैलाने में नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह (शंकरदेव) हमारे लिए एक गुरु की तरह हैं और हमारा मार्गदर्शन करते हैं। इसलिए जब मैं असम आया, तो मैंने सोचा था कि मुझे उनके प्रति अपना आभार प्रकट करना चाहिए।’’
गांधी ने कहा कि उन्हें 11 जनवरी को शंकरदेव के जन्मस्थान का दौरा करने का निमंत्रण मिला था, लेकिन ‘‘अब हमें बताया गया कि वहां कानून-व्यवस्था का कुछ मसला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता, लेकिन कुछ कारण हो सकते हैं। मौका मिलने पर मैं बटद्रवा जाऊंगा। मेरा मानना है कि असम और पूरे देश को शंकरदेव द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलना चाहिए।’’
शंकरदेव असमिया संत-विद्वान, सामाजिक-धार्मिक सुधारक, कवि, नाटककार थे। वह 15वीं-16वीं शताब्दी के असम के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास की बड़ी शख्सियत माने जाते हैं।
जब गांधी को सत्र जाने की अनुमति नहीं दी गई और यात्रा अपराह्न दो बजे फिर से शुरू होने वाली थी, तो मोरीगांव जिला प्रशासन ने जिला कांग्रेस आयोजकों को एक पत्र लिखकर गांधी को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत नुक्कड़ सभा और पदयात्रा करने से परहेज करने को कहा, क्योंकि शरारती तत्व जिले में शांति भंग करने की कोशिश कर सकते हैं।
जिला आयुक्त (डीसी) देवाशीष शर्मा ने कांग्रेस पदाधिकारियों को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘खुफिया सूचनाओं के आधार पर जिला प्रशासन को ऐसे शरारती तत्वों की संलिप्तता की आशंका है, जो एक ही दिन दो बड़े आयोजन-भारत जोड़ो न्याय यात्रा और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का फायदा उठाकर असामाजिक गतिविधियों के जरिये शांति में व्यवधान डालने की कोशिश कर सकते हैं।’’
पत्र में कहा गया, ‘‘‘जेड प्लस’ श्रेणी के साथ एडवांस सिक्योरिटी लाइजनिंग (एएसएल) सुरक्षा प्राप्त राहुल गांधी की हिफाजत की खातिर, और साथ ही मोरीगांव जिले में कानून और व्यवस्था में किसी भी संभावित व्यवधान को रोकने की हमारी जिम्मेदारी है। हम अनुरोध करते हैं कि पार्टी बिहुटोली पुलिस चौकी क्षेत्र में प्रस्तावित नुक्कड़ सभा और मोरीगांव शहर में श्रीमंत शंकरदेव चौक से पदयात्रा करने से परहेज करे।’’
श्री शंकरदेव सत्र की प्रबंध समिति ने रविवार को घोषणा की थी कि वे कांग्रेस नेता को 22 जनवरी को अपराह्न तीन बजे से पहले सत्र में जाने की अनुमति नहीं देंगे। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उन्होंने गांधी से अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले ऐसा नहीं करने का अनुरोध किया था।
बोरा के साथ सत्र की यात्रा के बाद लौटे गोगोई ने कहा कि परिसर में और उसके आसपास कोई भीड़ नहीं थी और ‘‘परिसर बिल्कुल खाली था।’’
कलियाबोर से कांग्रेस सांसद गोगोई ने कहा, ‘‘एक झूठ और अफवाह फैलाई गई कि अगर गांधी वहां जाते, तो कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। मुख्यमंत्री ने बटद्रवा के इतिहास और श्री शंकरदेव की विरासत पर एक काला धब्बा लगा दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने राहुल गांधी की ओर से शांति और सद्भाव की प्रार्थना की और परिसर में मौजूद सभी पुजारियों ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया।’’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अधिकारियों ने गांधी से कहा था कि कानून-व्यवस्था की समस्या हो सकती है और जब उन्होंने (गांधी) अकेले जाने की पेशकश की, तो उनके अनुरोध को ठुकरा दिया गया।
इस बीच, राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जी पी सिंह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि यात्रा के आयोजकों को एएसएल के प्रस्तावों पर कायम रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ‘जेड प्लस’ श्रेणी सुरक्षा प्राप्त शख्सियत इस कार्यक्रम का हिस्सा हैं।
सिंह ने कहा कि अनिर्धारित स्थानों पर रुकने से बचा जाना चाहिए और एएसएल सुरक्षा प्राप्त शख्सियत को सलाह दी जाती है कि वह स्थानीय प्रशासन और पुलिस को अग्रिम सूचना दिए बिना वाहन से ना उतरें।’’
बाद में, रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा का नौवां दिन, जो हमारे बुनियादी अधिकारों पर चोट के साथ इतने दर्दनाक और पीड़ादायक तरीके से शुरू हुई...मेघालय के नोंगपोह में उत्साह के साथ पहुंची। क्या नजारा था...भीड़ नारे लगा रही थी राहुल गांधी-दिल्ली में हमारे सिपाही।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)