कोलकाता, 13 जनवरी: आगामी विश्व कप को ध्यान में रखते हुए रोहित शर्मा और विराट कोहली के 14 महीने बाद टी20 टीम में वापसी में विश्व कप विजेता भारतीय आल राउंडर युवराज सिंह को कुछ भी गलत नहीं दिखता और उनका कहना है ‘कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना’. इन दोनों को अफगानिस्तान के खिलाफ चल रही तीन मैच की टी20 श्रृंखला के लिए टीम में चुना गया जो अमेरिका और वेस्टइंडीज में होने वाले विश्व कप से पहले भारत का अंतिम टूर्नामेंट है.
रोहित और कोहली के टीम में शामिल करने से बहस शुरू हो गयी कि यह प्रगतिशील कदम है या नहीं. युवराज इस कदम के लिए हो रहे शोरगुल से प्रभावित नहीं हैं और उन्होंने किशोर कुमार के मशहूर गाने से अपनी राय बयां करते हुए कहा, ‘कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना’. उनकी इस प्रतिक्रिया ने आलोचकों की अनदेखी और अपने काम के प्रति समर्पित बने रहने के अहमियत बयां की.
युवराज ने कहा, ‘‘ऐसा इसलिये क्योंकि वे सभी तीनों प्रारूप में खेलते हैं और वे 14 महीने बाद वापसी कर रहे हैं. अगर आप तीनों प्रारूपों में खेलते हो तो आपको अपने कार्यभार का ध्यान रखना होगा. यह चयनकर्ताओं के लिए एक प्रश्न है.’’ युवराज ने रोहित की भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘मैं कह सकता हूं कि रोहित शानदार कप्तान रहा है, उसके पास पांच आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) ट्राफियां हैं, वह हमें विश्व कप फाइनल तक ले गया, वह आईपीएल और भारत दोनों के लिए शानदार कप्तानों में से एक है। हमें उसके कार्यभार को संभालना होगा. ’’
यह पूछने पर रोहित या हार्दिक पंड्या, किसे टी20 विश्व कप में कप्तान चुनना चाहिए तो युवराज ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि इस समय हार्दिक की फिटनेस की स्थिति कैसी है. यह चयनकर्ताओं का फैसला होगा.’’पंड्या आगामी आईपीएल सत्र में मुंबई इंडियंस में पांच बार के आईपीएल खिताब विजेता कप्तान रोहित के कप्तान होंगे. इससे किसी तरह से अहंकार के टकराव पर युवराज ने कहा, ‘‘जब खिलाड़ी एक साथ खेलते हैं तो इस तरह की चीजें होती हैं. अगर उन्हें कोई मुद्दा है तो उन्हें निश्चित रूप से बैठकर इस पर बात करनी चाहिए. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘रोहित हमेशा ही हार्दिक से सर्वश्रेष्ठ कराने में काफी अहम रहा है, विशेषकर गेंदबाजी से लेकर उसके कार्यभार प्रबंधन के लिहाज तक. ’’ युवराज ने कहा, ‘‘हालांकि मुझे इसमें कोई मुद्दा नहीं दिखता लेकिन अगर ऐसा है तो उन्हें निश्चित रूप से इसके बारे में बात करनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब आप अपने देश के लिए खेल रहे हो तो आपकी प्राथमिकता सबकुछ छोड़कर मैदान पर अपना शत प्रतिशत देने की होनी चाहिए.’’
युवराज ने कहा, ‘‘वे पेशेवर खिलाड़ी हैं, अगर कोई मुद्दा है तो उन्हें इसे छोड़कर देश के लिए अपना शत प्रतिशत देना चाहिए. ’’ युवराज ने भारत की टी20 अंतरराष्ट्रीय और वनडे विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभायी है लेकिन बतौर क्रिकेटर उन्हें एक चीज का पछतावा है कि वह और अधिक टेस्ट मैच खेल सकते थे. पूर्व बायें हाथ के बल्लेबाज को अब भी लगता है कि वह 40 से ज्यादा टेस्ट मैच खेल सकते थे.
उन्होंने कहा, ‘‘एक ही पछतावा है कि मैं और अधिक टेस्ट खेल सकता था. मैंने 40 टेस्ट खेले और 45 टेस्ट के लिए 12वां खिलाड़ी था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह वो युग था जिसमें वीरेंद्र सहवाग को पारी का आगाज करना पड़ा. दादा (सौरव गांगुली) कप्तान थे, फिर वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर खेलते थे. टीम में जगह बनाना मुश्किल था. लेकिन मैंने ‘टीम मैन’ के तौर पर हमेशा अपना शत प्रतिशत दिया, यह मेरे लिए ज्यादा अहम है. ’’
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