नयी दिल्ली, 31 जुलाई कांग्रेस ने मणिपुर के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद सोमवार को आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटेल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दल चर्चा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग पर अडिग हैं, जबकि सरकार एवं प्रधानमंत्री इस विषय पर जवाब देने से भाग रहे हैं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘ ‘इंडिया’ के घटक दल आज दोपहर राज्यसभा में अपने रुख पर अड़े रहे कि पिछले 90 दिनों में मणिपुर में जो कुछ हुआ है उस पर प्रधानमंत्री को सदन में एक बयान देना चाहिए, लेकिन उन्होंने चुप्पी साध रखी है। प्रधामंत्री के बयान के बाद चर्चा होनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ की पार्टियां नियम 267 के तहत ऐसा चाहती हैं, जिसका अर्थ है कि उठाए गए मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए बहस खत्म होने तक सदन के अन्य सभी कार्य निलंबित कर दिए जाते हैं।
रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की पार्टियां मणिपुर पर चर्चा से भाग नहीं रही हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री ही राज्यसभा में बयान देने से भाग रहे हैं।’’
विपक्षी दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर में जातीय हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित रही है।
कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच बुधवार, 26 जुलाई को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर सदन में चर्चा के लिए मंजूरी दे दी गई थी। उस दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि वह सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तिथि तय करेंगे।
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