उत्तर मध्य रेलवे ने 130 डिब्बों को पृथकवास कोच में तब्दील किया

उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया, ‘‘रेलवे के इन 130 डिब्बों को पृथवास कोच में परिवर्तित करने में रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों का पालन किया गया है।’’

प्रयागराज, नौ अप्रैल उत्तर मध्य रेलवे ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में अपना योगदान देते हुए 130 डिब्बों को पृथकवास कोच में परिवर्तित करने का लक्ष्य पूरा कर लिया है। साथ ही उत्तर मध्य रेलवे के लगभग 90,000 कर्मचारियों और उनके परिजनों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किए हैं।

उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया, ‘‘रेलवे के इन 130 डिब्बों को पृथवास कोच में परिवर्तित करने में रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों का पालन किया गया है।’’

उन्होंने बताया, ‘‘प्रयागराज मंडल के तहत प्रयागराज और कानपुर में 20-20 डिब्बों को, आगरा मंडल में 20 कोच, झांसी मंडल में कोचिंग डिपो द्वारा 20 कोच और झांसी स्थित मिडलाइफ रिहैबिलिटेशन कारखाना द्वारा 50 कोचों को पृथकवास कोच में परिवर्तित किया गया है।’’

मालवीय ने बताया, ‘‘आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आरोग्य सेतु ऐप लांच किया जिसे अधिक से अधिक डाउनलोड करने पर उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने काफी जोर दिया। इसके फलस्वरूप अब तक उत्तर मध्य रेलवे के करीब 90,000 रेलकर्मियों और उनके परिजनों ने यह ऐप डाउनलोड किए हैं।’’

उन्होंने बताया, ‘‘ कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में कई नए विचार और नवप्रवर्तन पेश किए गए हैं जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है। इसी क्रम में कई संगठन छिड़काव/ धुंआ आधारित सेनेटाइजेशन टनल का प्रोटोटाइप विकसित कर रहे हैं जिनके गुण दोष का मूल्यांकन किया जा रहा है।’’

जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि कोचिंग डिपो प्रयागराज, इलेक्ट्रिक लोको शेड कानपुर और इलेक्ट्रिक लोको शेड झांसी में तीन अलग अलग डिजाइन के सेनेटाइजेशन टनल के प्रोटोटाइप विकसित किए गए हैं और इनका परीक्षण किया जा रहा है।

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