देश की खबरें | कैग की रिपोर्ट का अनुपालन नहीं किया जाना रेल मंत्री के इस्तीफा देने के लिए पर्याप्त वजह : राकांपा

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मुंबई, चार जून राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने रविवार को यह जानना चाहा कि रेल हादसों को रोकने के लिए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की 2022 की रिपोर्ट में सुझाये गये उपायों को केंद्र सरकार ने लागू क्यों नहीं किया।

साथ ही राकांपा ने सवाल किया कि इसका अनुपालन नहीं किया जाना ओडिशा रेल हादसे के मद्देनजर क्या रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे के लिए पर्याप्त नहीं है?

पार्टी ने यह आरोप भी लगाया कि कैग की रिपोर्ट के अनुसार, कई कमियों के कारण रेल हादसे हुआ करते हैं, लेकिन रेल मंत्रालय और रेल मंत्री इस चेतावनी को गंभीरता से लेने में नाकाम रहे।

ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम करीब सात बजे हुए रेल हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। पिछले करीब तीन दशकों में यह सर्वाधिक भयावह रेल हादसा है। बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी इस हादसे का शिकार हुई।

इस भीषण हादसे ने टक्कर रोधी उपकरण ‘कवच’ को लेकर एक बहस शुरू कर दी है और कांग्रेस सहित विपक्षी दल रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

राकांपा प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय रेल में, ट्रेनों के पटरी से उतरने के विषय पर 2022 की रिपोर्ट में कई कमियों को रेखांकित किया गया है। इसमें ट्रेनों के पटरी से उतरने के लिए 24 कारकों को जिम्मेदार ठहराया गया है। उस रिपोर्ट में गंभीर प्रकृति के कई बिंदु हैं जो इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि ट्रेन दुर्घटनाएं होने वाली हैं।’’

उन्होंने कहा कि कैग की ऑडिट में मुख्य जोर यह पता लगाने पर है कि ट्रेनों के पटरी से उतरने और रेलगाड़ियों के आपस में टकराने को रोकने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा क्या उपाय किये गये हैं।

क्रास्टो ने आरोप लगाया कि ओडिशा रेल हादसे के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि ऑडिट रिपोर्ट का अनुपालन नहीं किया गया।

राकांपा प्रवक्ता ने सवाल किया कि क्या रेल मंत्री वैष्णव ने कैग की रिपोर्ट पढ़ी थी?

उन्होंने जानना चाहा, ‘‘यदि उन्होंने यह पढ़ी थी, तो इसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया और कैग के सुझावों को तुरंत लागू क्यों नहीं किया गया?’’

क्रास्टो ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में रेल मंत्रालय को संभावित हादसों को लेकर सतर्क किया गया था और ऐसा प्रतीत होता है कि मंत्रालय और मंत्री ने इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह अश्विनी वैष्णव के इस्तीफा देने के लिए पर्याप्त वजह नहीं है?

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